नई दिल्ली: पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम और उनके बेटे कार्ति चिदंबरम की परेशानी बढ़ सकती है. सीबीआई और ईडी ने एयरसेल मैक्सिम मामले में उनके खिलाफ गंभीर आरोप लगाए हैं.
सोमवार को दिल्ली में विशेष न्यायाधीश ओ पी सैनी की अदालत में एयरसेल मामले की सुनवाई की गई. केन्द्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) और प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम और उनके पुत्र कार्ति को हिरासत में लेकर पूछताछ किये जाने की मांग की.
दोनों जांच एजेंसियों ने कहा कि एयरसेल-मैक्सिस घोटाले से संबंधित मामलों में चिदंबरम और कार्ति जांच में सहयोग नहीं कर रहे हैं. जांच एजेंसियों ने आरोप लगाया कि चिदंबरम ने संप्रग सरकार के दौरान अपने अधिकार क्षेत्र से आगे जाकर एयरसेल-मैक्सिस सौदे को मंजूरी प्रदान की जिससे कुछ लोगों को लाभ पहुंचा और रिश्वत ली गई.
चिदंबरम और उनके पुत्र कार्ति को गिरफ्तारी से संरक्षण का विरोध करते हुए एजेंसियों ने कहा कि वे जांच को प्रभावित करेंगे और एयरसेल-मैक्सिस घोटाले से संबंधित मामलों में उन्हें हिरासत में लेकर पूछताछ किये जाने की मांग की. सीबीआई और ईडी ने पिता-पुत्र द्वारा दायर अग्रिम जमानत अर्जियों का भी विरोध करते हुए कहा कि वे जांच में सहयोग नहीं कर रहे हैं.
जांच एजेंसियों ने विशेष न्यायाधीश ओ पी सैनी को बताया कि चिदंबरम (73) और कार्ति ने गंभीर आर्थिक अपराध किये हैं और यह जनता और राष्ट्रहित के खिलाफ एक बड़ा षड्यंत्र है. सीबीआई ने कहा कि पिता-पुत्र से सख्ती के साथ निपटे जाने की जरूरत है. एजेंसी ने कहा कि एयरसेल-मैक्सिस भ्रष्टाचार मामले की जांच अभी जारी है.