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निर्भया केस में दुष्कर्मियों को हाईकोर्ट से सात दिन की मोहलत, एक साथ होगी फांसी

delhi HC in nirbhaya case
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Published : Feb 5, 2020, 2:45 PM IST

Updated : Feb 29, 2020, 6:46 AM IST

14:43 February 05

निर्भया केस में दिल्ली हाईकोर्ट

नई दिल्ली : निर्भया केस में दिल्ली हाईकोर्ट ने कहा- दुष्कर्मियों को अलग-अलग फांसी नहीं दी जा सकती. इससे पहले दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट ने निर्भया के दोषियों के डेथ वारंट के अमल पर रोक लगा दी थी. इसको लेकर केंद्र सरकार दिल्ली हाई कोर्ट में याचिका दायर की थी, जिसपर दिल्ली हाई कोर्ट ने आज फैसला सुनाया है.

रविवार को दिल्ली हाईकोर्ट के समक्ष हुई विशेष सुनवाई के दौरान अपनी दलीलें पेश करते हुए सॉलीसीटर जनरल तुषार मेहता कहा था कि दोषी अपनी फांसी को टालने के लिए जानबूझकर तथा बहुत सोच समझकर कानूनी मशीनरी से खेल रहे हैं.

दिल्ली हाईकोर्ट में रविवार को जस्टिस सुरेश कैत ने दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद निर्भया के दोषियों के खिलाफ डेथ वारंट पर रोक लगाने के खिलाफ दायर केंद्र सरकार की याचिका पर फैसला सुरक्षित रख लिया था.

निर्भया के हत्यारों को अलग-अलग फांसी दी जा सकती है-केंद्र
रविवार को केंद्र सरकार की ओर से सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि नियम के हिसाब से मौजूदा वक्त में निर्भया के हत्यारों को अलग-अलग फांसी दी जा सकती है. जैसे ही राष्ट्रपति दया याचिका खारिज करते हैं, फांसी हो सकती है. उन्होंने कहा कि कानून और संविधान में सिर्फ दया याचिका खारिज होने के बाद मृत्यदंड देने के लिए 14 दिनों की समय सीमा है. इस अवधि में दोषी अपनी आखिरी इच्छा या कानूनी प्रक्रिया पूरी कर सकता है.

'दोषी कानून का दुरुपयोग कर रहे हैं'
तुषार मेहता ने कोर्ट को सभी दोषियों की कानूनी राहत के विकल्प का स्टेटस चार्ट सौंपा. उन्होंने कहा कि दोषियों के रवैये से साफ है कि वे कानून का दुरुपयोग कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि अगर एक अपराध में कई दोषी हैं, तो फांसी की सजा पर अमल तब तक नहीं हो सकेगा जब तक सभी की याचिका का सुप्रीम कोर्ट से निपटारा न हो जाए, लेकिन दया याचिका के स्टेज पर ऐसा नहीं है, तब एक साथ फांसी देने की बाध्यता नहीं है. जिनकी दया अर्जी खारिज हो जाये, उन्हें अलग से फांसी दी जा सकती है.

घटनाक्रम पर एक नजर

  • 16 दिसंबर 2012: वसंत विहार इलाके में चलती बस में निर्भया के साथ जघन्य अपराध को अंजाम दिया गया.
  • 17 दिसंबर 2012: पुलिस ने वारदात में शामिल बस बरामद की और एक आरोपी राम सिंह को गिरफ्तार कर लिया.
  • 18 दिसंबर 2012: विनय शर्मा, मुकेश और पवन को पुलिस ने गिरफ्तार किया.
  • 21 दिसंबर 2012: एक नाबालिग आरोपी को आईएसबीटी से पकड़ा गया. वहीं औरंगाबाद से अक्षय को गिरफ्तार किया गया.
  • 25 दिसंबर 2012: मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट ने निर्भया का बयान दर्ज किया.
  • 26 दिसंबर 2012: निर्भया को इलाज के लिए सिंगापुर के अस्पताल भेजा गया.
  • 29 दिसंबर 2012: सिंगापुर के अस्पताल में निर्भया ने दम तोड़ा.
  • 11 मार्च 2013: तिहाड़ जेल में राम सिंह ने फांसी लगाकर की खुदकुशी
  • 13 सितंबर 2013: निचली अदालत ने चारों दोषियों को फांसी की सजा सुनाई.
  • 13 मार्च 2014: दिल्ली हाईकोर्ट ने निचली अदालत की सजा को बरकरार रखा
  • 5 मई 2017: सुप्रीम कोर्ट ने दोषियों की याचिका को खारिज करते हुए उनकी सजा को बरकरार रखा
  • 9 जुलाई 2018: सुप्रीम कोर्ट ने दोषियों की रिव्यू पेटिशन को खारिज कर दिया.
  • 7 जनवरी 2020: निर्भया के चारों दोषियों की फांसी के लिए 22 जनवरी सुबह 7 बजे का समय अदालत ने तय किया.
  • 17 जनवरी 2020: अदालत ने एक फरवरी के लिए नया डेथ वारेंट जारी किया
  • 31 जनवरी 2020: अदालत ने दोषियों की फांसी के लिए जारी डेथ वारेंट को रद्द कर दिया
Last Updated : Feb 29, 2020, 6:46 AM IST

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