कोलकाता : अनियमितता के आरोपों के बीच कलकत्ता उच्च न्यायालय ने भारत के नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (कैग) को चक्रवात अम्फान से संबंधित राहत कार्य की ऑडिट करने का निर्देश दिया.
मुख्य न्यायाधीश टीबीएन राधाकृष्णन और न्यायमूर्ति अरिजीत बनर्जी की खंडपीठ ने कैग से आदेश की प्रति प्राप्त होने के बाद तीन महीने के भीतर ऑडिट पूरी करने को कहा.
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दायर की गई कई जनहित याचिकाओं की एक साथ की गई सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ताओं ने आरोप लगाया कि अपने अधिकारियों के माध्यम से पश्चिम बंगाल सरकार ने अनधिकृत और अवैध तरीके से कुछ चयनित लोगों को राहत प्रदान की और योजनाओं का लाभ प्रदान करने के दौरान केंद्र अथवा राज्य सरकार के तय पैमानों का पालन नहीं किया गया.