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भारत में चीनी एप पर बैन : सरकार के फैसले का कैट ने किया स्वागत

लद्दाख सीमा पर झड़प में शहीद हुए भारतीय जवानों को लेकर देशभर में गुस्सा है. इसी बीच भारत सरकार ने 59 चीनी एप्स पर प्रतिबंध लगा दिया है. वहीं इस फैसले का कंफेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (सीएआईटी) ने स्वागत किया है.

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Published : Jun 30, 2020, 8:00 PM IST

डिजाइन फोटो
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नई दिल्ली : पूर्वी लद्दाख की गलवान घाटी में गत 15-16 जून की रात चीन द्वारा किए गए दुस्साहस के बाद से ही देशभर में चीन के खिलाफ रोष देखने को मिल रहा है. देशभर में लोग बड़े स्तर पर चीनी सामानों का बहिष्कार कर रहे हैं. इसी कड़ी में भारत सरकार ने देश की राष्ट्रीय एकता, संप्रभुता और अखंडता की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए एक बड़ा फैसला लिया है.

सरकार द्वारा लिए चीनी एप्स पर प्रतिबंध लगाने के निर्णय का देश के सबसे बड़े व्यापारी संगठन कंफेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (सीएआईटी) ने स्वागत किया. कैट के राष्ट्रीय महामंत्री प्रवीण खंडेलवाल ने फैसले को लेकर सरकार का आभार प्रकट किया है. उन्होंने प्रधानमंत्री का धन्यवाद किया है और कहा है कि चीन के बहिष्कार को लेकर, जो मुहिम कैट 10 जून से चला रहा है. उसे अब और तेजी के साथ आगे बढ़ाया जाएगा.

चीनी एप को बैन किए जाने पर कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स की प्रतिक्रिया

बता दें कि सोमवार को सरकार ने 59 चीनी मोबाइल एप्स पर प्रतिबंध लगा दिया है. जिन चीनी मोबाइल एप्लीकेशन पर प्रतिबंध लगाया गया है, उनमें टिक टॉक, शेयर इट, यूसी ब्राउजर, सेंडर जैसे कुल 59 मोबाइल एप्लीकेशन शामिल हैं. बता दें कि ये सभी एप्स विश्वभर में पॉपुलर हैं. भारत में भी इन एप्स को बड़ी तादाद में लोगों ने डाउनलोड किया था.

कैट ने इसी क्रम में वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल को पत्र लिखकर अपील की है कि देश में बिकने वाले सभी सामानों पर उसके निर्मित देश का नाम दर्ज हो.

कैट ने अपने 'राष्ट्रीय अभियान, भारतीय सामान, हमारा अभिमान' में महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए गोयल को पत्र भेजकर मांग की है कि भारत में बेची जाने वाली प्रत्येक वस्तु पर यह स्पष्ट रूप से लिखा होना चाहिए कि वह किस देश में निर्मित है तथा उक्त वस्तु में मूल्यवर्धन की सामग्री का उल्लेख अनिवार्य होना चाहिए.

जानकारी देते संवाददाता

पढ़ें :सरकार ने टिक टॉक, यूसी ब्राउजर समेत 59 चीनी एप पर लगाया प्रतिबंध

इस बीच कैट द्वारा पूर्व में की गई मांग को स्वीकार करते हुए केंद्र सरकार ने ई-पोर्टल पर यह जैम (राशि रत्न) बेचे जाने वाले सभी पदार्थों पर दोनों विवरण का उल्लेख करना अनिवार्य कर दिया है.

कैट का कहना है कि अगर उत्पादों की संरचना के बारे में वितरण होगा तो इससे उत्पाद खरीदने वाले ग्राहक को यह पता चल पाएगा कि यह उत्पाद 100 प्रतिशत मेड इन इंडिया है या आयातित है. साथ ही यह भी पता लग पाएगा कि यह सामान किस देश में बना है, जिसे वह खरीद रहा है.

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