नई दिल्ली : कोविड-19 महामारी ने नियंत्रक और महालेखा परीक्षक (कैग) के भी कामकाज को प्रभावित किया है. राष्ट्रीय लेखा परीक्षक कैग हर साल 150 ऑडिट रिपोर्ट तैयार करता है, लेकिन कोरोना संकट के कारण इस साल लगभग 40-50 ऑडिट रिपोर्ट के आने में देरी हो सकती है, जो लगभग एक अभूतपूर्व घटना है.
शीर्ष कैग सूत्रों ने ईटीवी भारत को बताया, 'कोविड-19 महामारी ने हमारे कार्य को काफी प्रभावित किया है. एक साल में, कैग कम से कम 150 ऑडिट रिपोर्ट तैयार करता है. लेकिन देशव्यापी कोरोना लॉकडाउन के कारण अधिकांश सरकारी कार्यलय बंद हो गए. जिसके कारण हमें कई आधिकारिक रिकॉर्ड समय पर प्राप्त नहीं हुए. इसकी वजह यह है कि अधिकांश आधिकारिक रिकॉर्ड और आंकड़ों को मैन्युअल रूप से फाइलों में सुरक्षित रखा जाता है. नतीजतन, लगभग 40-50 रिपोर्ट तय समय पर पूरा नहीं हो पाएंगी और ज्यादा देरी हो सकती है. देरी वाले ऑडिट मुख्य रूप से प्रदर्शन ऑडिट के मामले में होते हैं न कि वित्तीय ऑडिट.'
सूत्रों ने बताया, 'महामारी के बावजूद, संयुक्त राष्ट्र के लिए तैयार की जाने वाली 11 ऑडिट रिपोर्ट में देरी नहीं हुई है. इसका मुख्य कारण यह है कि संयुक्त राष्ट्र के सभी आधिकारिक रिकॉर्ड इलेक्ट्रॉनिक रूप में उपलब्ध हैं. हमारे ऑडिटर्स को ऑडिट करने के लिए विदेश भी नहीं जाना पड़ता है. हम मेल पर प्रश्न भेजते हैं और मेल द्वारा प्रतिक्रिया प्राप्त करते हैं.'
भारतीय कैग वर्तमान में संयुक्त राष्ट्र बोर्ड ऑफ ऑडिटर (2014-2020) और विश्व स्वास्थ्य संगठन (2020-2023) तथा खाद्य एवं कृषि संगठन (2020-2025) के बाह्य लेखा परीक्षक के रूप में भी कार्य कर रहा है. पिछले साल, कैग को साल 2020 के लिए संयुक्त राष्ट्र के बाह्य लेखा परीक्षकों के पैनल का अध्यक्ष भी चुना गया था.