नई दिल्ली : देश के नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (कैग) ने राफेल लड़ाकू विमान सौदे को लेकर रिपोर्ट जारी की है. रिपोर्ट में कहा गया है कि वेंडर ऑफसेट में तय शर्तों को पूरा करने में नाकाम रहा है. कैग ने कहा कि रक्षा मंत्रालय को अपनी नीतियों की समीक्षा करने की जरूरत है.
दरअसल, 36 राफेल विमानों के ऑफसेट कॉन्ट्रैक्ट की शुरूआत में प्रस्ताव था कि डीआरडीओ को हाई टेक्नोलॉजी देकर वेंडर अपना 30 प्रतिशत ऑफसेट पूरा करेगा, लेकिन अब तक वेंडर ने टेक्नोलॉजी ट्रांसफर सुनिश्चित नहीं की है.
डीआरडीओ को यह तकनीक स्वदेशी तेजस लाइट कॉम्बैट एयरक्राफ्ट के लिए इंजन बनाने के लिए चाहिए थी.
कैग की रिपोर्ट के मुताबिक, ऑफसेट पॉलिसी से मनमाफिक नतीजे नहीं निकल रहे हैं, इसलिए मंत्रालय को पॉलिसी और इसे लागू करने के तरीके की समीक्षा करने की जरूरत है. इसके साथ ही जहां भी दिक्कत आ रही है, उसकी पहचान कर उसका समाधान ढूंढने की जरूरत है.