नई दिल्ली : कैबिनेट सचिव राजीव गौबा ने देश के विभिन्न हिस्सों में फंसे प्रवासी मजदूरों को उनके गंतव्य स्थानों तक पहुंचाने के लिए विशेष रेलगाड़ियां चलाने को लेकर राज्यों से सहयोग मांगा. उन्होंने कहा कि अब तक 3.6 लाख श्रमिकों को उनके गंतव्य तक पहुंचाने के लिए करीब 350 रेलगाड़ियां चलाई गई हैं.
कैबिनेट सचिव की यह अपील एक दिन पहले ही पश्चिम बंगाल तक श्रमिक स्पेशल ट्रेनें चलाने को लेकर राज्य सरकार और केंद्र के बीच हुए वाक् युद्ध के बाद आई है.
गौबा ने यह अपील कोरोना प्रबंधन की स्थिति की समीक्षा के लिए हुई वीडियो कॉन्फ्रेंस के दौरान की, जिसमें सभी राज्यों एवं केंद्र शासित प्रदेशों के मुख्य सचिव और स्वास्थ्य सचिव शामिल हुए.
एक आधिकारिक बयान में कहा गया कि कॉन्फ्रेंस की शुरुआत में, कैबिनेट सचिव ने बताया कि रेलवे 350 से अधिक 'श्रमिक स्पेशल' ट्रेनें चला चुका है, जिसमें 3.5 लाख प्रवासी मजदूरों को लाया गया.
इसमें कहा गया कि उन्होंने और श्रमिक स्पेशल रेलगाड़ियां चलाने के लिए राज्य सरकारों से रेलवे के साथ सहयोग करने का अनुरोध किया.
कैबिनेट सचिव ने विदेशों में फंसे भारतीयों की स्वदेश वापसी के लिए केंद्र के 'वंदे भारत मिशन' में राज्यों के सहयोग की ओर भी ध्यान दिलाया.
उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि डॉक्टरों, नर्सों और पराचिकित्सकों की आवाजाही अबाधित होनी चाहिए और कोराना योद्धाओं को सुरक्षा एवं मदद देने के लिए हरसंभव कदम उठाए जाने चाहिए.
बयान में बताया गया कि मुख्य सचिवों ने अपने-अपने राज्यों में स्थिति से अवगत कराया और कहा कि कोविड-19 से संरक्षण के साथ-साथ आर्थिक गतिविधियों को भी सावधानीपूर्वक बढ़ाए जाने की जरूरत है.
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केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने शनिवार को पश्चिम बंगाल सरकार पर फंसे हुए श्रमिकों को लाने वाली ट्रेनों को राज्य में प्रवेश की अनुमति नहीं देने का आरोप लगाया था लेकिन राज्य ने इस आरोप से इनकार किया था और कहा था कि 6,000 प्रवासी मजदूर पहले ही लौट चुके हैं और अन्य प्रवासी मजदूरों को लेकर 10 ट्रेनें जल्द ही राज्य आएंगी.
इसके फौरन बाद, रेलवे के अधिकारियों ने राज्य सरकार के दावे को खारिज करते हुए कहा था कि उन्हें उनकी तरफ से कोई प्रस्ताव प्राप्त नहीं हुआ है.