दिल्ली

delhi

ETV Bharat / bharat

वेतन संहिता विधेयक को अगले सप्ताह मिल सकती है मंत्रिमंडल की हरी झंडी

श्रम सुधारों की दिशा में कदम बढ़ाते हुए श्रम मंत्रालय वेतन संहिता विधेयक पर अगले महीने मंजूरी दे सकता है. श्रम मंत्रालय इस विधेयक को संसद के मौजूदा सत्र में ही पारित कराना चाहता है. जानें क्या है पूरा मामला...

वेतन संहिता विधेयक को मिल सकती है मंत्रिमंडल की हरी झंडी.

By

Published : Jun 23, 2019, 3:23 PM IST

Updated : Jun 23, 2019, 5:22 PM IST

नई दिल्ली: श्रम सुधारों की दिशा में कदम बढ़ाते हुए श्रम मंत्रालय वेतन संहिता विधेयक के मसौदे को मंजूरी के लिए मंत्रिमंडल के समक्ष रख सकता है. सूत्रों ने कहा कि मंत्रालय संसद के मौजूदा सत्र में इस विधेयक को पारित कराना चाहता है.

पिछले महीने 16वीं लोकसभा का कार्यकाल समाप्त होने के बाद यह विधेयक निरस्त हो गया था. मंत्रालय को अब विधेयक को संसद के किसी भी सदन में नये सिरे से पेश करने के लिए केंद्रीय मंत्रिमंडल की अनुमति की जरूरत होगी.

पढ़ें:ETV के नाम पर महिला ने की ठगी, फेक ID बना लोगों से वसूले पैसे

सूत्र ने कहा, 'मंत्रिमंडल वेतन संहिता विधेयक पर अगले महीने मंजूरी दे सकता है. श्रम मंत्रालय इस विधेयक को संसद के मौजूदा सत्र में ही पारित कराना चाहता है.

इससे पहले विधेयक को 10 अगस्त, 2017 को लोकसभा में पेश किया गया था. इसे 21 अगस्त, 2017 को संसद की स्थायी समिति के पास भेजा गया था. समिति ने अपनी रिपोर्ट 18 दिसंबर, 2018 को सौंपी थी.'

वेतन संहिता विधेयक सरकार की ओर से परिकल्पित चार संहिताओं में से एक है. ये चार संहिताएं पुराने 44 श्रम कानूनों की जगह लेंगी. यह निवेशकों की सहूलियत और आर्थिक वृद्धि को बढ़ावा देने के लिए निवेश को आकर्षित करने में मदद करेंगी। ये चार संहिताएं हैं- वेतन, सामाजिक सुरक्षा, औद्योगिक सुरक्षा एवं कल्याण और औद्योगिक संबंध हैं.

पढ़ें:गोपनीयता का हवाला देकर स्विट्जरलैंड से मिली कालेधन की सूचना साझा करने से सरकार का इंकार

वेतन संहिता विधेयक, मजदूरी भुगतान अधिनियम 1936, न्यूनतम मजदूरी कानून 1948 , बोनस भुगतान कानून 1965 और समान पारिश्रमिक अधिनियम 1976 की जगह लेगा.

विधेयक में प्रावधान किया गया है कि केंद्र सरकार रेलवे और खनन समेत कुछ क्षेत्रों के लिए न्यूनतम मजदूरी तय करेगी जबकि राज्य अन्य श्रेणी के रोजगारों के लिए न्यूनतम मजदूरी निर्धारित करने के लिए स्वतंत्र होंगे.

विधेयक के मसौदे में कहा गया है कि न्यूनतम मजदूरी में हर पांच साल में संशोधन किया जाएगा.

पढ़ें:प्रधानमंत्री ने अर्थशास्त्रियों से मुलाकात कर प्रमुख आर्थिक मुद्दों पर चर्चा की

इस महीने की शुरुआत में, गृह मंत्री अमित शाह की अध्यक्षता में हुई अंतर-मंत्रालयी बैठक के बाद श्रम मंत्री संतोष गंगवार ने कहा था कि उनका मंत्रालय संसद के चालू सत्र में इस विधेयक को पारित कराने का प्रयास करेगा.

इस बैठक में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण तथा वाणिज्य और रेल मंत्री पीयूष गोयल भी मौजूद थे.

Last Updated : Jun 23, 2019, 5:22 PM IST

ABOUT THE AUTHOR

...view details