संसद से नागरिकता संशोधन अधिनियम (CAA) के पारित होने के बाद से देश में काफी हलचल हुई है. संविधान को बनाए रखने का विरोध करने वाले छात्रों ने एक शक्तिशाली छवि बनाई है. प्रस्तावना पढ़ने वाली मुस्लिम महिलाओं ने गांधी और आंबेडकर की फोटो वाले बोर्ड हाथों में लेकर लोकतंत्र पर एक ऐतिहासिक संदेश दिया है. सीएए को लेकर हुआ देशव्यापी विरोध और दिल्ली हिंसा को वैश्विक मीडिया में दिखाया गया. प्राचीन सभ्यता के रूप में भारत की सकारात्मक छवि जो कि अब दुनिया के सबसे बड़ा और जीवंत लोकतंत्र है, इस छवि को नुकसान हुआ है.
अंतरराष्ट्रीय मीडिया ने इस बात पर प्रकाश डाला कि कैसे उत्तर-पूर्वी दिल्ली हिंसा में जल रहा था क्योंकि राष्ट्रपति भवन डोनाल्ड ट्रंप के लिए भोज आयोजित कर रहा था. इस पर संयुक्त राष्ट्र में और विभिन्न सरकारों ने चर्चाएं कीं. मलेशिया, तुर्की, ईरान और कनाडा ने खुले तौर पर दिल्ली हिंसा पर चिंता व्यक्त की. कई अन्य देशों ने भी संयम और शांति का आह्वान किया है क्योंकि उन्होंने स्वीकार किया है कि सीएए भारत का आंतरिक मामला है. कुछ वैश्विक नागरिक समाज संगठनों ने हिंसा की निंदा करने वाले बयान जारी किए हैं और सीएए को निरस्त करने का आह्वान किया है.