हैदराबाद : डोनाल्ड ट्रंप के नेतृत्व वाली अमेरिकी सरकार और तालिबान के बीच दोहा समझौते होने के बावजूद अफगानिस्तान में शांति प्रक्रिया आगे नहीं बढ़ रही है, बल्कि पिछले कुछ दिनों में हिंसा की घटनाएं बढ़ी ही हैं. वहां के आम नागरिकों को सबसे अधिक नुकसान उठाना पड़ रहा है. हाल ही में काबुल में जिस प्रकार के हमले किए गए और जिस तरीके से नवजात शिशुओं को निशाना बनाया गया, उससे ऐसा लगता है कि अपराधी किसी के नियंत्रण में नहीं हैं. वर्तमान सरकार और पिछली सरकार में शामिल लोगों पर खतरा बढ़ गया है.
9/11 की घटना के बाद, अमेरिकी सैनिकों ने इस क्षेत्र में प्रवेश किया था. इसका उद्देश्य तालिबान पर नियंत्रण लगाना था. उन्होंने दावा किया था कि इससे अफगानिस्तान में शांति बहाली संभव हो सकेगा. हाल ही में जो बातचीत हुई, उससे ऐसा लगा कि शांति प्रक्रिया पटरी पर लौट गई है. पर, अचानक ही फिर से हिंसा की बढ़ रही घटनाओं से हर कोई निराश है.