महोबा: बुंदेली समाज द्वारा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को खून से खत लिखकर अलग बुंदेलखंड राज्य की मांग की गई. 1 नवंबर 1956 को ही बुंदेलखंड के दो टुकड़े किए गए थे, जिसमें आधा हिस्सा उत्तर प्रदेश और आधा हिस्सा मध्य प्रदेश में चला गया था. इसी वजह से शुक्रवार का दिन काला दिवस के रूप में मनाया जा रहा है.
महोबा मुख्यालय के आल्हा चौक में बुंदेली समाज पिछले 492 दिनों से पृथक बुंदेलखंड राज्य की मांग को लेकर अनशन पर बैठा हुआ है. बुंदेली समाज के संयोजक तारा पाटकर कहते हैं कि सन 1947 में जब देश आजाद हुआ था, तब बुंदेलखंड राज्य था और नौगांव उसकी राजधानी हुआ करती थी. चरखारी के रहने वाले कामता प्रसाद सक्सेना मुख्यमंत्री थे, लेकिन 22 मार्च 1948 को बुंदेलखंड का नाम बदलकर विंध्य प्रदेश कर दिया गया और इसमें बघेलखंड को जोड़ दिया गया.