हैदराबाद :वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की घोषणाओं को असम और बंगाल में भाजपा के विश्वास को जगाने और राजनीतिक रूप से चुनौतीपूर्ण राज्यों तमिलनाडु और केरल में फिर से जागृत करने के रूप में देखा जा रहा है. बजट में अपनी पहली टिप्पणी में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस तथ्य पर ध्यान आकर्षित करने के लिए कहा भी कि इस बार दक्षिणी और पूर्वी राज्यों को अतिरिक्त ध्यान दिया गया है.
कुल मिलाकर सीतारमण का चार राज्यों के चुनावों पर विशेष ध्यान रहा और इन राज्यों में बुनियादी ढांचा परियोजनाओं के लिए 225,000 करोड़ का आवंटन किया गया. इन राज्यों में से सीतारमण ने तमिलनाडु के लिए अधिकतम 1.03 लाख करोड़ की घोषणा की है. जहां इस पैसे का इस्तेमाल अगले पांच वर्षों में बुनियादी ढांचे के लिए किया जाएगा. इस मद का उपयोग मदुरई-कोल्लम कॉरिडोर और चित्तूर-थाचुर कॉरिडोर सहित कई राजमार्गों के लिए किया जाना है, जो तमिलनाडु के जिलों को केरल और आंध्र प्रदेश के पड़ोसी राज्यों से जोड़ता है.
राज्य में होगा चुनावी गठबंधन
गौरतलब है कि भाजपा प्रमुख जेपी नड्डा ने दो दिन पहले ही पुष्टि कर दी थी कि उनकी पार्टी अन्नाद्रमुक के साथ गठबंधन में तमिलनाडु में चुनाव लड़ेगी. जिससे दोनों दलों के बीच संबंधों में अनिश्चितता खत्म हो जाएगी. इससे पहले अन्नाद्रमुक ने कहा था कि एनडीए के तहत इसकी व्यवस्था राज्य के चुनावों के लिए भी जारी रहेगी. इसके बावजूद भाजपा इस मुद्दे पर चुप रही. ऐसा इसलिए था, क्योंकि यह सुपरस्टार रजनीकांत के अपने संगठन के साथ चुनावी मैदान में कूदने की उम्मीद थी. लेकिन वे महामारी और स्वास्थ्य स्थिति का हवाला देते हुए पीछे हट गए. AIADMK के जूनियर पार्टनर के रूप में भाजपा को उम्मीद है कि 2021 के चुनावों के बाद राज्य विधानसभा में अपनी उपस्थिति दर्ज कराने के लिए कुछ सीटें जीती जाएगी. इसलिए भाजपा के अंदरूनी सूत्रों का कहना है कि केंद्र को दक्षिण की परवाह करनी चाहिए.
तमिलनाडु को क्यों मिला फायदा
19 जनवरी को तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एडप्पादी के पलानीस्वामी (ईपीएस) ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात की और मांगों का एक ज्ञापन प्रस्तुत किया. इसलिए यह आश्चर्य की बात नहीं थी कि जब सीतारमण ने अपने भाषण में इनमें से कुछ मांगों को शामिल किया. वास्तव में इस परियोजना को हरी झंडी दिखाने के लिए प्रधानमंत्री द्वारा 14 फरवरी को तमिलनाडु का दौरा करने की उम्मीद है. ईपीएस 2021-22 में 277 किलोमीटर एक्सप्रेसवे के चेन्नई-सेलेम कॉरिडोर के निर्माण को लेकर उत्सुक रहा है. 2018 में इसकी घोषणा के बाद से किसानों द्वारा इसका विरोध किया गया था, लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने दिसंबर 2020 में भूमि अधिग्रहण की अधिसूचनाओं को बरकरार रखा. 278 किमी के बेंगलुरु-चेन्नई एक्सप्रेसवे को भी चालू वित्त वर्ष में शुरू किया जाएगा और 2021-22 में निर्माण शुरू हो जाएगा. 24 63,246 करोड़ की लागत से 118.9 किमी की चेन्नई मेट्रो रेलवे फेज -2 को केंद्रीय निधि भी प्रदान की जाएगी. सीतारमण ने अपने बजट भाषण में कहा कि तटीय तमिलनाडु बहुउद्देशीय पार्क की मेजबानी करेगा. जो बड़े पैमाने पर रोजगार और अतिरिक्त आय के लिए 'समुद्री शैवाल की खेती को बढ़ावा देने' का प्रस्ताव आगे बढ़ाएगा.
केरल को भी परियोजनाओं की सौगात