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बजट 2020 : जानें महिला और बाल विकास के लिए क्या खास एलान हुए - बजट 2020 हाइलाइट्स

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने इस बजट में महिलाओं के लिए भी कई एलान किए हैं. उन्होंने बताया कि पोषाहार योजना के लिए 35 हजार 600 करोड़ रुपये आवंटित किए जाएंगे. जानें क्या हैं खास बिंदु

Budget 2020: major key takeaways for (Women) sector
बजट 2020: जानें (महिलाओं) के लिए क्या है इस बजट में

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Published : Feb 1, 2020, 11:00 AM IST

Updated : Feb 28, 2020, 6:22 PM IST

नई दिल्ली : वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने संसद में बजट पेश किया. इस बजट में महिलाओं के लिए भी कई एलान किए गए हैं. उन्होंने बताया कि पोषाहार योजना के लिए 35 हजार 600 करोड़ रुपये आवंटित किए जाएंगे.

वीडियो सौजन्य: लोकसभा टीवी

महिला और बाल विकास के लिए आम बजट 2020 से बिंदुवार विवरण

  • 'बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ' का बेहतर रिजल्ट सामने आया है.
  • 'बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ' योजना का लड़कियों को विशेष फायदा
  • स्कूल जाने वाली लड़कियों की संख्या बढ़ी है.
  • स्कूलों में लड़कियों को अधिक सुविधा दी जाएगी.
  • 10 करोड़ घरों में पोषण के स्तर में बढ़ोतरी हुई है.
  • 6 लाख से अधिक आंगनवाड़ी कार्यकर्ता स्मार्ट फोन से लैस थे
  • पोषण कार्यक्रम के लिए 35,600 करोड़ रुपये की घोषणा की
  • महिलाओं से जुड़ी योजनाओं को 28 हजार 600 करोड़ आवंटित

बदल सकती है मातृत्व की उम्र

  • लड़कियों की मां बनने की उम्र को बढ़ाएगी सरकार
  • महिलाओं के लिए एक टास्क फोर्स का गठन किया जाएगा
  • एक लाख ग्राम पंचायतों को इस साल ऑप्टिकल फाइबर से जोड़ा जाएगा
  • बेटी बचाओ, बटी पढ़ाओ योजना से बाल अनुपात में अंतर देखने को मिला
    महिलाओं को मिली सुविधाएं

दरअसल, बजट सत्र की शुरुआत से पहले राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने शुक्रवार को कहा था कि सरकार महिलाओं की सुरक्षा, उद्यमशीलता और आजीविका को बढ़ावा देने एवं उनके स्वास्थ्य के प्रति काफी संवेदनशीलता से काम कर रही है. उन्होंने कहा कि महिलाओं के खिलाफ अपराधों के मामलों में तेजी से न्याय के लिये देशभर में एक हज़ार से ज्यादा त्वरित निपटान अदालतें बनायी जायेंगी.

कोविंद ने बजट सत्र के पहले दिन संसद के केंद्रीय कक्ष में दोनों सदनों की संयुक्त बैठक में अपने अभिभाषण में कहा, ' सरकार, महिलाओं की सुरक्षा को लेकर संवेदनशीलता के साथ काम कर रही है. महिला सुरक्षा की दृष्टि से देश में छह सौ से अधिक वन स्टॉप सेंटर बनाए जा चुके हैं. महिलाओं के खिलाफ अपराध करने वालों की पहचान करने के लिए एक राष्ट्रीय डेटाबेस तैयार किया गया है.'

राष्ट्रपति ने कहा, 'ऐसे मामलों में न्याय तेज़ी से मिले, इसके लिए देशभर में एक हज़ार से ज्यादा विशेष फास्ट ट्रैक कोर्ट बनायी जाएंगी. यह भी तय किया गया है कि महिला सहायता डेस्क का विस्तार, देश के हर पुलिस स्टेशन में किया जाए. बच्चों के यौन शोषण जैसे जघन्य अपराधों में सरकार ने फांसी तक की सज़ा का प्रावधान किया है.' उन्होंने कहा कि सरकार के प्रयासों से, महिला उद्यमशीलता और आजीविका को बढ़ावा देने के लिए स्वयं सहायता समूह अभियान से अभी तक 6 करोड़ 60 लाख से अधिक महिलाएं जुड़ चुकी हैं तथा इन महिलाओं को कम ब्याज पर ऋण उपलब्ध कराया जा रहा है.

कोविंद ने कहा कि कार्य में समान अवसर उपलब्ध कराने के उद्देश्य से पहली बार अंडर ग्राउंड माइन्स में तथा ओपन कास्ट माइन्स में महिलाओं को रात्रि में भी काम करने की अनुमति दी गई है.

उन्होंने कहा कि समानता के इसी उद्देश्य के साथ पहली बार सैनिक स्कूलों में बेटियों के दाखिले को स्वीकृति दी गई है. सैन्य पुलिस में महिलाओं की नियुक्ति का काम भी जारी है. भारतीय वायुसेना ने पहली बार फाइटर स्ट्रीम और डिफेंस अटैची के रूप में भी उन्हें नया अवसर दिया है.

कोविंद ने कहा, 'सरकार, महिला स्वास्थ्य के लिए भी विशेष प्रयास कर रही है. प्रधानमंत्री मातृवंदना योजना के तहत देश की एक करोड़ 20 लाख महिलाओं को लगभग 5 हजार करोड़ रुपए की राशि सरकार द्वारा सीधे उनके बैंक खातों में स्थानांतरित की गई है.'

उन्होंने कहा कि मिशन इंद्रधनुष के तहत 3 करोड़ 50 लाख शिशुओं और लगभग 90 लाख गर्भवती महिलाओं का टीकाकरण हो चुका है. दलितों और आदिवासी क्षेत्रों में इन योजनाओं का लाभ विशेष तौर पर देखने को मिल रहा है.

उन्होंने कहा कि सरकार ने सिर्फ एक रुपये में 'सुविधा' नामक ऑक्सो-बायोडिग्रेडेबल सैनिटरी नैपकिन देने की भी शुरुआत की है.

Last Updated : Feb 28, 2020, 6:22 PM IST

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