नई दिल्ली : वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने संसद में बजट पेश किया. इस बजट में महिलाओं के लिए भी कई एलान किए गए हैं. उन्होंने बताया कि पोषाहार योजना के लिए 35 हजार 600 करोड़ रुपये आवंटित किए जाएंगे.
महिला और बाल विकास के लिए आम बजट 2020 से बिंदुवार विवरण
- 'बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ' का बेहतर रिजल्ट सामने आया है.
- 'बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ' योजना का लड़कियों को विशेष फायदा
- स्कूल जाने वाली लड़कियों की संख्या बढ़ी है.
- स्कूलों में लड़कियों को अधिक सुविधा दी जाएगी.
- 10 करोड़ घरों में पोषण के स्तर में बढ़ोतरी हुई है.
- 6 लाख से अधिक आंगनवाड़ी कार्यकर्ता स्मार्ट फोन से लैस थे
- पोषण कार्यक्रम के लिए 35,600 करोड़ रुपये की घोषणा की
- महिलाओं से जुड़ी योजनाओं को 28 हजार 600 करोड़ आवंटित
बदल सकती है मातृत्व की उम्र
- लड़कियों की मां बनने की उम्र को बढ़ाएगी सरकार
- महिलाओं के लिए एक टास्क फोर्स का गठन किया जाएगा
- एक लाख ग्राम पंचायतों को इस साल ऑप्टिकल फाइबर से जोड़ा जाएगा
- बेटी बचाओ, बटी पढ़ाओ योजना से बाल अनुपात में अंतर देखने को मिला महिलाओं को मिली सुविधाएं
दरअसल, बजट सत्र की शुरुआत से पहले राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने शुक्रवार को कहा था कि सरकार महिलाओं की सुरक्षा, उद्यमशीलता और आजीविका को बढ़ावा देने एवं उनके स्वास्थ्य के प्रति काफी संवेदनशीलता से काम कर रही है. उन्होंने कहा कि महिलाओं के खिलाफ अपराधों के मामलों में तेजी से न्याय के लिये देशभर में एक हज़ार से ज्यादा त्वरित निपटान अदालतें बनायी जायेंगी.
कोविंद ने बजट सत्र के पहले दिन संसद के केंद्रीय कक्ष में दोनों सदनों की संयुक्त बैठक में अपने अभिभाषण में कहा, ' सरकार, महिलाओं की सुरक्षा को लेकर संवेदनशीलता के साथ काम कर रही है. महिला सुरक्षा की दृष्टि से देश में छह सौ से अधिक वन स्टॉप सेंटर बनाए जा चुके हैं. महिलाओं के खिलाफ अपराध करने वालों की पहचान करने के लिए एक राष्ट्रीय डेटाबेस तैयार किया गया है.'