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आसान भाषा में समझें बजट 2020 की मुख्य बातें

लोकसभा में आज वित्त वर्ष 2020-21 का बजट पेश किया गया. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बजट पेश करते हुए कहा कि अर्थव्यवस्था की बुनियाद मजबूत है, सरकार ने 2014-19 के दौरान राजकाज में व्यापक बदलाव किए हैं. आसान भाषा में समझें, बजट 2020 की पोटली में और क्या कुछ है...

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Published : Feb 1, 2020, 3:22 PM IST

Updated : Feb 28, 2020, 6:55 PM IST

नई दिल्ली : वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने आज वित्त वर्ष 2020-21 का बजट पेश किया. उन्होंने कहा कि इस बजट का लक्ष्य लोगों को रोजगार उपलब्ध कराना, कारोबार को मजबूत करना, सभी अल्पसंख्यकों, अनुसूचित जाति / जनजाति की महिलाओं की आकांक्षाओं को पूरा करना है.

वित्त मंत्री सीतारमण ने बजट भाषण की शुरुआत में जीएसटी के शिल्पकार दिवंगत अरूण जेटली को श्रद्धांजलि दी. उन्होंने कहा कि अर्थव्यवस्था की बुनियाद मजबूत है, सरकार ने 2014-19 के दौरान राजकाज में व्यापक बदलाव किए हैं.

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करीब पौने तीन घंटे लंबे बजट भाषण के आखिर में वित्त मंत्री का गला खराब हो गया. इस वजह से वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण आखिरी दो- तीन पृष्ठ नहीं पढ़ पाईं. उन्होंने लोकसभा अध्यक्ष की अनुमति से उसे पढ़ा हुआ मानकर सदन के पटल पर रख दिया.

बजट 2020 का बिंदुवार विवरण : -

  • 'आधार' के आधार पर तत्काल पैन के ऑनलाइन आवंटन को लेकर जल्दी ही व्यवस्था शुरू की जाएगी. इसके लिए कोई आवेदन फार्म भरने की जरूरत नहीं होगी.
  • करदाताओं के 'आधार' के तहत पुष्टि करने की योजना अमल में लाई जा रही है, रिफंड इलेक्ट्रॉनिक प्रणाली से जारी किया जाएगा.
  • एमएसएमई के लिए आडिट को लेकर कारोबार सीमा एक करोड़ रुपये से बढ़ाकर 5 करोड़ रुपये किया गया.
  • अप्रत्यक्ष कर के विवादित कर मामलों में नई 'विवाद से विश्वास' योजना की घोषणा, 31 मार्च 2020 तक केवल विवादित कर राशि का ही भुगतान करना होगा. इसके बाद 30 जुन 2020 तक कुछ अतिरिक्त राशि देनी पड़ सकती है.
  • स्टार्ट अप को बढ़ावा देने के लिए कर्मचारी शेयर विकल्प के कारण कर्मचारियों पर पड़ने वाले कर बोझ को पांच साल के लिए या उनके कंपनी छोड़े जाने या कंपनी बेचे जाने तक, जो भी पहले, के लिए टाला गया.
  • पांच करोड़ रुपये तक के कारोबार करने वालों के खातों के ऑडिट की आवश्यकता नहीं.
  • नई कर व्यवस्था के तहत 15 लाख रुपये की सालाना कमाई करने वाले करदाताओं को नए कर स्लैब के तहत 78 हजार रुपये बचेंगे.
  • सहकारी समितियों के लिए 22 प्रतिशत की दर से कर, इसके ऊपर 10 प्रतिशत अधिभार, 4 प्रतिशत उपकर लागू होगा.
  • लाभांश वितरण कर समाप्त, अब लाभांश पाने वालों को देना होगा कर.
  • नई आयकर व्यवस्था वैकल्पिक होगी, करदाताओं को पुरानी व्यवस्था या नई व्यवस्था में से चुनने का विकल्प होगा.
  • ढाई लाख रुपये तक की आय कर मुक्त बनी रहेगी. ढाई लाख रुपये से पांच लाख रुपये तक की आय पर पांच प्रतिशत की दर से आयकर लागू होगा, लेकिन छूट के बाद पांच लाख रुपये तक की आय पर कर नहीं लगेगा.
  • नई सरलीकृत आयकर व्यवस्था में पांच लाख रुपये तक की आय पर कोई कर नहीं. दस लाख से 12.5 लाख की आय पर अब 20 प्रतिशत, 12.5 से 15 लाख रुपये पर 25 प्रतिशत और 15 लाख रुपये अधिक की आय पर 30 प्रतिशत की दर से कर लगेगा.
  • 5-7.5 लाख रुपये की आय पर 10 प्रतिशत और 7.5-10 लाख रुपये की आय पर 15 प्रतिशत की दर से आयकर का प्रस्ताव.
  • गिफ्ट सिटी में अंतरराष्ट्रीय सर्राफा बाजार होगा, इससे सोने का बेहतर मूल्य प्राप्त किया जा सकेगा.
  • चालू वित्त वर्ष में राजकोषीय घाटा 3.3 प्रतिशत के बजट लक्ष्य से बढ़कर 3.8 प्रतिशत रहने का अनुमान.
  • सरकारी प्रतिभूतियों को लेकर बांड ईटीएफ के जरिये एक्सचेंज ट्रेडेड फंड के विस्तार का प्रस्ताव.
  • वित्त वर्ष 2020-21 में बाजार मूल्य पर जीडीपी वृद्धि दर 10 प्रतिशत रहने का अनुमान.
  • सूक्ष्म एवं लुघ उद्योगों की भुगतान में देरी की समस्या और नकदी प्रवाह की समस्या से निपटने के लिये एप आधारित इनवॉयस वित्त पोषण ऋण उत्पाद पेश किया जाएगा.
  • भारतीय जीवन बीमा निगम (एलआईसी) को शेयर बाजार में सूचीबद्ध कराया जाएगा. आईपीओ के जरिए सरकार का अपनी कुछ हिस्सेदारी बेचने का प्रस्ताव.
  • प्रवासी भारतीयों को कुछ सरकारी प्रतिभूतियों में निवेश की अनुमति.
  • आईडीबीआई बैंक में अपनी बची हिस्सेदारी को निजी खुदरा निवेशकों को बेचेगी सरकार.
  • लघु और मझोले उद्योगों (एमएसएमई) को आसान ऋण उपलब्ध कराने के लिए गैर-बैंकिग वित्तीय कंपनी कानून में जरूरी संशोधन किया जाएगा, रिजर्व बैंक से एमएसएमई ऋण पुनर्गठन समयसीमा बढ़ाने का आग्रह.
  • आंकड़ा संग्रह में सुधार और प्रसार के लिए आधिकारिक आंकड़ों पर नई राष्ट्रीय नीति का प्रस्ताव.
  • गैर-राजपत्रित, सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों में भर्ती के लिए 'राष्ट्रीय भर्ती एजेंसी' बनायी जाएगी.
  • बैंकों में जमाकर्ताओं के लिये 'जमा बीमा सुरक्षा' एक लाख रुपये से बढ़ाकर 5 लाख रुपये किया गया.
  • वर्ष 2022 का जी-20 सम्मेलन भारत में होगा, आयोजन की तैयारी के लिये 100 करोड़ रुपये आवंटित.
  • 'स्वच्छ हवा' के लिए बजट में 4,400 करोड़ रुपये आवंटित. स्वच्छ वातावरण के लिए राज्यों को प्रोत्साहन.
  • करदाताओं के लिए सुविधा बढ़ाने, कर अधिकारियों के परेशान करने से बचाव के लिए कानूनों में जरूरी सुधार करेगी सरकार.
  • वरिष्ठ नागरिकों और दिव्यांगों के लिए आवंटन बढ़ाकर 9,500 करोड़ रुपये किया गया.
  • सौर पंप स्थापित करने के लिये 'प्रधानमंत्री किसान ऊर्जा सुरक्षा एवं उत्थान महाभियान' (पीएम कुसुम) के तहत 20 लाख किसानों को सहायता उपलब्ध करायी जाएगी.
  • केंद्र सरकार का कर्ज मार्च 2019 में घटकर 48.7 प्रतिशत पर आया जो मार्च 2014 में 52.2 प्रतिशत था.
  • पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए 2020-21 में 2,500 करोड़ रुपये का प्रावधान. राज्यों को अपने यहां नए पर्यटन स्थलों की पहचान करने के लिए कहा गया. केंद्र इन स्थलों के विकास के लिए देगा अनुदान.
  • पांच पुरातत्व केंद्र स्थापित किए जाएंगे. संस्कृति मंत्रालय को बजट में 3,050 करोड़ रुपये आवंटित.
  • वित्त वर्ष 2020-21 के बजट में अनुसूचित जाति और अन्य पिछड़ा वर्ग के लिए 85,000 करोड़ रुपये का प्रावधान. अनुसूचित जनजाति क्षेत्र के लिए 53,700 करोड़ रुपये आवंटित.
  • राजमार्गों के विकास में तेजी लाई जाएगी, दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेस और दो अन्य परियोजनाओं को 2023 तक पूरा किया जाएगा.
  • 'बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ' अभियान से बेहतर परिणाम मिले. लड़कों के मुकाबले लड़कियों की दाखिला संख्या बढ़ी.
  • ग्राम पंचायतों को हाई स्पीड ब्रॉडबैंड से जोड़ने वाले 'भारतनेट' कार्यक्रम के लिए 2020-21 में छह हजार करोड़ रुपये आवंटित. एक लाख ग्राम पंचायतों को इससे जोड़ा जाएगा.
  • 112 आकांक्षी जिलों में जहां आयुष्मान भारत योजना से जुड़े अस्पताल नहीं हैं, वहां सार्वजनिक निजी भागीदारी के तहत अस्पताल बनाने को प्राथमिकता.
  • नागर विमानन मंत्रालय घरेलू और अंतरराष्ट्रीय मार्गों पर 'कृषि उड़ान सेवा' शुरू करेगा, पूर्वोत्तर और जनजातिय जिलों में मूल्यवर्द्धन पर जोर.
  • भारतीय रेल जल्दी खराब होने वाले सामान की ढुलाई के लिये लोक-निजी भागीदारी में 'किसान रेल' चलाएगी.
  • वित्त मंत्री ने 2022 तक किसानों की आय दोगुनी करने के लिए 16 सूत्रीय एजेंडा रखा.
  • बजट में परिवहन संबंधी ढांचागत सुविधाओं के विकास के लिए 1.7 लाख करोड़ रुपये का प्रावधान.
  • पोषण संबंधी कार्यक्रमों के लिए 2020-21 के बजट में 35,600 करोड़ रुपये आवंटित किए गए.
  • 'टीबी हारेगी - देश जीतेगा' योजना के तहत वर्ष 2024 तक सभी जिलों में जन औषधि केंद्र बनाये जाएंगे.
  • तेजस की तरह और रेलगाड़ियां चलाई जाएंगी. मुंबई-अहमदाबाद हाई-स्पीड ट्रेन का काम आगे बढ़ाया जाएगा. बेंगलुरू उप-नगरीय रेलगाड़ी परियोजना में केंद्र सरकार 20 प्रतिशत शेयर पूंजी लगाएगी.
  • उड़ान योजना को बढ़ावा देने के लिए 100 और हवाई अड्डों का विकास किया जाएगा.
  • क्वांटम तकनीक एवं एप्लीकेशन पर पांच वर्ष में आठ हजार करोड़ रुपये व्यय करने का प्रस्ताव.
  • पीएम किसान के लाभार्थियों को किसान क्रेडिट कार्ड से जोड़ा जाएगा.
  • जल्द जारी होगी राष्ट्रीय लॉजिस्टक नीति, एकल खिड़की ई-लाजिस्टिक बाजार बनाया जाएगा.
  • हम उर्वरकों के संतुलित उपयोग को बढ़ावा देंगे, प्रोत्साहित करने की व्यवस्था में बदलाव किया जाएगा.
  • वित्त मंत्री सीतारमण ने 'धन लक्ष्मी योजना' की घोषणा की. इसके तहत नाबार्ड के समर्थन से गांवों में महिला स्वंय सहायता समूहों द्वारा भंडारण सुविधाएं चलायी जाएंगी.
  • उच्च निर्यात कर्ज के लिये एक नई योजना शुरू की जा रही है. इसमें अधिक बीमा कवर मिलेगा, छोटे निर्यातकों के लिए प्रीमियम कम होगा और दावा निपटान की प्रक्रिया आसान होगी.
  • अगले तीन साल में सभी के लिए स्मार्ट प्रीपेड मीटर, बिजली ग्राहकों को वितरण कंपनी चुनने की आजादी मिलेगी, नवीकरणीय ऊर्जा क्षेत्र के लिए 22,000 करोड़ रुपये का आवंटन.
  • राष्ट्रीय तकनीकी कपड़ा मिशन के लिए चार चरणों में 1,480 करोड़ रुपये व्यय किए जाएंगे.
  • युवाओं के लिए 'निवेश मंजूरी प्रकोष्ठ' बनाया जाएगा, जो नया उद्यम शुरू करने के लिए उन्हें हर तरह की मदद करेगा.
  • ढांचागत परियोजनाओं के लिए 'परियोजना तैयारी सुविधा' विकसित की जाएगी. ढांचागत क्षेत्र की सभी सरकारी एजेंसियों को इससे जोड़ा जाएगा.
  • नई शिक्षा नीति की घोषणा जल्द; शिक्षा प्रणाली में सुधार के लिये विदेशों से कर्ज और एफडीआई के उपाय किये जाएंगे.
  • उद्योग एवं व्यापार के विकास के लिए ऑनलाइन कृषि मंडी 'ई-नाम' और सरकारी खरीद पोर्टल 'जेम' के लिए 2020-21 में 27,300 करोड़ रुपये आवंटित किए गए.
  • जल जीवन मिशन के लिये 3.6 लाख करोड़ रुपये की मंजूरी.
  • मोबाइल फोन विनिर्माण, कलपुर्जे, सेमीकंडक्टर के लिए नयी योजना लायी जाएगी.
  • कृषि और संबद्ध गतिविधियों, सिंचाई और ग्रामीण विकास के लिये 2.83 लाख करोड़ रुपये आवंटित.
  • ग्रामीण युवा 'सागर मित्र' के रूप में मत्स्यन विस्तार आगे बढ़ाएंगे, 500 मत्स्यन किसान उत्पादक संगठन बनाये जाएंगे.
  • स्वच्छ भारत अभियान के लिए 2020-21 के बजट में 12,300 करोड़ रुपये का आवंटन.
  • समुद्री मत्स्यन संसाधन के विकास, प्रबंधन और संरक्षण की नयी व्यवस्था बनायी जाएगी, मछली उत्पादन 2022-23 तक बढ़ाकर 200 लाख टन किया जाएगा.
  • दुग्ध प्रसंस्करण क्षमता 2025 तक दोगुनी की जाएगी.
  • वर्ष 2020-21 में 11,500 करोड़ रुपये हर घर जल योजना के लिए दिए जाएंगे.
  • नाबार्ड पुनर्वित्त योजना का विस्तार किया जाएगा, 2020-21 के लिये 15 लाख करोड़ रुपये के कृषि ऋण का लक्ष्य.
  • जिन किसानों के पास बंजर जमीन है, उस पर उन्हें सौर बिजली इकाइयां लगाने और अधिशेष बिजली सौर ग्रिड को बेचने में मदद की जाएगी.
  • किसानों की बेहतरी के लिए बजट में 16 बिंदुओं की कार्य योजना की घोषणा; राज्यों को प्रोत्साहन देने के उपाय.
  • कृषि बाजार को उदार बनाने, खेती को प्रतिस्पर्धी बनाने, कृषि आधारित गतिविधियों को सहायता उपलब्ध कराने की जरुरत, सतत फसल प्रतिरुप और प्रौद्योगिकी की जरुरत.
  • जल संकट वाले 100 जिलों के लिए लायी जाएगी विस्तृत योजना.
  • मशीन लर्निंग, कृत्रिम मेधा (आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस), आंकड़ा विश्लेषण जैसी प्रौद्योगिकी में तीव्र वृद्धि हो रही है, उत्पादक श्रेणी में आने वाले लोगों की संख्या सर्वाधिक.
  • वित्त वर्ष 2020-21 का बजट मुख्यत: तीन बातों 'आकांक्षी भारत, सभी के लिए आर्थिक विकास करने वाला भारत और सभी की देखभाल करने वाला समाज भारत' पर केंद्रित.
  • हम हर नागरिक के जीवन को सुगम बनाने का पूरा प्रयास करेंगे.
  • एक अप्रैल 2020 से जीएसटी की नई सरलीकृत रिटर्न व्यवस्था लागू होगी.
  • वित्त वर्ष 2014-15 से 2018-19 के दौरान 7.4 प्रतिशत की औसत आर्थिक वृद्धि हासिल की गयी. भारत दुनिया की 5वीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था हो गया.
  • जीएसटी से परिवहन और लॉजिस्टिक क्षेत्र की दक्षता बढी, इंस्पेक्टर राज समाप्त हुआ, लघु और मझोले उद्योग क्षेत्र को लाभ हुआ और ग्राहकों को एक लाख करोड़ रुपये का सालाना बचत हुई.
  • पिछले दो साल में जीएसटी में दो लाख नए करदाता जुड़े. 40 करोड़ रिटर्न दाखिल किये गए. 105 करोड़ ई-वे बिल सृजित हुए.
  • कृषि भूमि पट्टा आदर्श अधिनियम-2016, कृषि उपज और पशुधन मंडी आदर्श अधिनियम -2017, कृषि उपज एवं पशुधन अनुबंध खेती, सेवाएं संवर्धन एवं सुगमीकरण आदर्श अधिनियम-2018 लागू करने वाले राज्यों को प्रोत्साहित किया जाएगा.
Last Updated : Feb 28, 2020, 6:55 PM IST

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