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आरक्षण पर मायावती ने केंद्र सरकार को घेरा, बोली- नौवीं अनुसूची में हो शामिल - bsp chief mayawati target modi

उच्चतम न्यायालय ने हाल ही में आरक्षण से जुड़े एक मामले में कहा था कि नियुक्ति और पदोन्नति में आरक्षण मौलिक अधिकार नहीं है. इस पर बसपा सुप्रीमो मायावती ने केंद्र सरकार को लपेटे में लिया है. उन्होंने कहा कि उच्चतम न्यायालय में इससे जुड़े एक मामले में केंद्र सरकार की सकारात्मक भूमिका नहीं होने के कारण शीर्ष अदालत ने नियुक्ति और पदोन्नति में आरक्षण के मौलिक अधिकार नहीं होने की बात कही. जानें विस्तार से...

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सपा सुप्रीमो मायावती (फाइल फोटो)

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Published : Feb 16, 2020, 5:52 PM IST

Updated : Mar 1, 2020, 1:14 PM IST

नई दिल्ली : बहुजन समाज पार्टी (बसपा) की अध्यक्ष मायावती ने आरक्षण व्यवस्था को संविधान की नौवीं अनुसूची में शामिल करने की मांग की है. मायावती ने कहा है कि उच्चतम न्यायालय में इससे जुड़े एक मामले में केंद्र सरकार की सकारात्मक भूमिका नहीं होने के कारण शीर्ष अदालत ने नियुक्ति और पदोन्नति में आरक्षण का मौलिक अधिकार नहीं होने की बात कही.

ज्ञात हो कि उच्चतम न्यायालय ने हाल ही में आरक्षण से जुड़े एक मामले में कहा था कि नियुक्ति और पदोन्नति में आरक्षण मौलिक अधिकार नहीं है. आरक्षण व्यवस्था को बहाल करना राज्य सरकारों के क्षेत्राधिकार में है.

उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री मायावती ने इस फैसले के लिए अदालत में केंद्र सरकार के उपेक्षित रवैये को जिम्मेदार ठहराया. उन्होंने रविवार को ट्वीट कर कहा, 'कांग्रेस के बाद अब भारतीय जनता पार्टी और इनकी केंद्र सरकार के अनवरत उपेक्षित रवैये के कारण यहां सदियों से पिछड़े अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति और पिछड़े वर्ग के शोषितों पीड़ितों को आरक्षण के माध्यम से देश की मुख्यधारा में लाने का सकारात्मक संवैधानिक प्रयास विफल हो रहा है. यह अति गंभीर और दुर्भाग्यपूर्ण है.'

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उन्होंने कहा, 'केंद्र के ऐसे गलत रवैये के कारण ही अदालत ने सरकारी नौकरी और पदोन्नति में आरक्षण की व्यवस्था को निष्क्रिय व निष्प्रभावी बना दिया है. इससे पूरा समाज उद्वेलित व आक्रोशित है. देश में गरीबों, युवाओं, महिलाओं और अन्य उपेक्षितों के हक पर लगातार घातक हमले हो रहे हैं.'

मायावती ने सरकार से मांग की है कि वह आरक्षण की सकारात्मक व्यवस्था को संविधान की नौवीं अनुसूची में लाकर इसको सुरक्षा कवच तब तक प्रदान करे, जब तक उपेक्षा व तिरस्कार से पीड़ित करोड़ों लोग देश की मुख्यधारा में शामिल नहीं हो जाते. आरक्षण की सही संवैधानिक मंशा यही है.

Last Updated : Mar 1, 2020, 1:14 PM IST

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