नई दिल्ली : चीन के साथ बढ़ते तनाव के बीच भारत ने कई बड़े अहम फैसले लिए हैं. इसी क्रम में भारत सरकार के दूरसंचार विभाग ने फैसला किया है कि बीएसएनएल के 4G इक्विपमेंट को अपग्रेड करने के लिए चीनी सामान का इस्तेमाल नहीं किया जाएगा. 4G सिस्टम में अपग्रेडेशन बीएसएनएल का पुर्नवास पैकेज का हिस्सा है. डिपार्टमेंट ने बीएसएनएल से इस संबंध में अपने टेंडर पर फिर से काम करने को कहा है. इसके अलावा उन्होंने कहा कि विभाग निजी मोबाइल सेवा ऑपरेटरों को संदेश देने के लिए सक्रिय रूप से विचार कर रहा है, ताकि चीन में बने उपकरणों पर उनकी निर्भरता कम हो सके. वहीं चीनी कंपनियों द्वारा उपकरणों की नेटवर्क सुरक्षा ने हमेशा चिंताएं बढ़ाई हैं. इसके बाद भारतीय रेलवे ने चीन कंपनियों के साथ सभी अनुबंध रद्द कर दिए हैं.
रेलवे ने कानपुर और मुगलसराय के बीच 417 किलोमीटर लंबे खंड पर सिग्नल व दूरसंचार के काम में धीमी प्रगति के कारण चीन की एक कंपनी का ठेका रद्द करने का निर्णय लिया है. मालगाड़ियों की आवाजाही के लिये समर्पित इस खंड ‘ईस्टर्न डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर’ के सिग्नल व दूरसंचार का काम रेलवे ने 2016 में चीन की कंपनी बीजिंग नेशनल रेलवे रिसर्च एंड डिजायन इंस्टीट्यूट को दिया था। यह ठेका 471 करोड़ रुपये का है.
चीनी कंपनियों को दिया गया ठेका हो सकता है रद्द
देश के अलग-अलग हिस्सों से चीन के खिलाफ आवाज उठने लगी है. लोगों ने कई जगहों पर विरोध प्रदर्शन भी किया. उनकी मांग है कि चीनी कंपनियों को दिया गया ठेका रद्द किया जाए. दिल्ली मेरठ के लिए रीजनल रैपिड ट्रांजिट सिस्टम का ठेक चीन की कंपनी को दिया गया है. उसे हटाने पर विचार किया जा सकता है.
इसी तरह से महाराष्ट्र ने भी हाल ही में चीन की एक कंपनी को टेंडर दिया है. लोगों का कहना है कि इसे भी कैंसिल किया जाए. महाराष्ट्र के मंत्री और राकांपा नेता जितेंद्र आव्हाड ने दिल्ली-मेरठ मेट्रो के काम के लिए चीन की कम्पनी को दिए गए ठेके को रद करने की मांग की है.
आपको बता दें कि गलवान घाटी में हुई हिंसक झड़प में भारत के 20 जवान शहीद हो गए. चीन के 40 सैनिक हताहत हुए. इनमें उनका एक कमांडर भी शामिल है.
पीएम की चेतावनी