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चीन को चौतरफा घेरने की तैयारी, बीएसएनएल के बाद रेलवे ने भी रद्द किए अनुबंध - post lac skirmishes

भारत और चीन के बीच लद्दाख में तनाव जारी है. गलवान घाटी में हिंसक झड़प के बाद भारत ने चीन को जवाब देने के लिए कार्रवाई शुरू कर दी है. सैन्य स्तर से लेकर व्यापारिक क्षेत्र में चीन को झटका दिया जा रहा है. भारत सरकार ने सरकारी टेलिकॉम कंपनियों से किसी भी चीनी कंपनी के उपकरणों का उपयोग न करने को कहा है. बीएसएनएल और एमटीएनएल के टेंडर रद हो गए हैं. इसके बाद भारतीय रेलवे ने चीन कंपनियों के साथ सभी अनुबंध रद्द कर दिए हैं.

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भारत संचार निगम लिमिटेड

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Published : Jun 18, 2020, 8:13 AM IST

Updated : Jun 18, 2020, 7:31 PM IST

नई दिल्ली : चीन के साथ बढ़ते तनाव के बीच भारत ने कई बड़े अहम फैसले लिए हैं. इसी क्रम में भारत सरकार के दूरसंचार विभाग ने फैसला किया है कि बीएसएनएल के 4G इक्विपमेंट को अपग्रेड करने के लिए चीनी सामान का इस्तेमाल नहीं किया जाएगा. 4G सिस्टम में अपग्रेडेशन बीएसएनएल का पुर्नवास पैकेज का हिस्सा है. डिपार्टमेंट ने बीएसएनएल से इस संबंध में अपने टेंडर पर फिर से काम करने को कहा है. इसके अलावा उन्होंने कहा कि विभाग निजी मोबाइल सेवा ऑपरेटरों को संदेश देने के लिए सक्रिय रूप से विचार कर रहा है, ताकि चीन में बने उपकरणों पर उनकी निर्भरता कम हो सके. वहीं चीनी कंपनियों द्वारा उपकरणों की नेटवर्क सुरक्षा ने हमेशा चिंताएं बढ़ाई हैं. इसके बाद भारतीय रेलवे ने चीन कंपनियों के साथ सभी अनुबंध रद्द कर दिए हैं.

रेलवे ने कानपुर और मुगलसराय के बीच 417 किलोमीटर लंबे खंड पर सिग्नल व दूरसंचार के काम में धीमी प्रगति के कारण चीन की एक कंपनी का ठेका रद्द करने का निर्णय लिया है. मालगाड़ियों की आवाजाही के लिये समर्पित इस खंड ‘ईस्टर्न डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर’ के सिग्नल व दूरसंचार का काम रेलवे ने 2016 में चीन की कंपनी बीजिंग नेशनल रेलवे रिसर्च एंड डिजायन इंस्टीट्यूट को दिया था। यह ठेका 471 करोड़ रुपये का है.

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रेलवे ने कहा कि कंपनी को 2019 तक काम पूरा कर लेना था, लेकिन अभी तक वह सिर्फ 20 प्रतिशत ही काम कर पाई है.

चीनी कंपनियों को दिया गया ठेका हो सकता है रद्द

देश के अलग-अलग हिस्सों से चीन के खिलाफ आवाज उठने लगी है. लोगों ने कई जगहों पर विरोध प्रदर्शन भी किया. उनकी मांग है कि चीनी कंपनियों को दिया गया ठेका रद्द किया जाए. दिल्ली मेरठ के लिए रीजनल रैपिड ट्रांजिट सिस्टम का ठेक चीन की कंपनी को दिया गया है. उसे हटाने पर विचार किया जा सकता है.

इसी तरह से महाराष्ट्र ने भी हाल ही में चीन की एक कंपनी को टेंडर दिया है. लोगों का कहना है कि इसे भी कैंसिल किया जाए. महाराष्ट्र के मंत्री और राकांपा नेता जितेंद्र आव्हाड ने दिल्ली-मेरठ मेट्रो के काम के लिए चीन की कम्पनी को दिए गए ठेके को रद करने की मांग की है.

आपको बता दें कि गलवान घाटी में हुई हिंसक झड़प में भारत के 20 जवान शहीद हो गए. चीन के 40 सैनिक हताहत हुए. इनमें उनका एक कमांडर भी शामिल है.

पीएम की चेतावनी

इस घटना के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने चीन को सख्त लहजे में चेतावनी दी है. पीएम ने कहा कि किसी भी सैनिक का बलिदान व्यर्थ नहीं जाएगा. अगर कोई उकसाएगा, तो उसे उचित जवाब दिया जाएगा.

जारी रहेगा सड़क निर्माण

भारत ने लद्दाख में सड़क निर्माण का कार्य जारी रखने का फैसला किया है. चीन हमेशा से इस निर्माण को लेकर आपत्ति दर्ज कराता रहा है. अगर ये सड़कें बनीं, तो भारत के लिए एलएसी पर जाना आसान हो जाएगा. चीन भारत की इस रणनीति से बौखलाया हुआ है.

भारत और चीन के बीच बैठक बेनतीजा

इस बीच पूर्वी लद्दाख की गलवान घाटी में हिंसक झड़प वाले स्थान के पास भारत और चीन की सेनाओं के डिविजनल कमांडरों के बीच बैठक बेनतीजा रही. सैन्य सूत्रों ने इस बारे में जानकारी दी.

मेजर जनरल स्तरीय बातचीत में गलवान घाटी से सैनिकों के पीछे हटने की प्रक्रिया को लागू करने पर भी चर्चा हुई. छह जून को दोनों पक्षों के बीच उच्च स्तरीय सैन्य वार्ता में इसी पर सहमति बनी थी.

लेह स्थित 3 इन्फेंट्री डिविजन के कमांडर मेजर जनरल अभिजीत बापट ने वार्ता में भारतीय प्रतिनिधित्व का नेतृत्व किया. मंगलवार को भी दोनों पक्षों के बीच मेजर जनरल स्तरीय बातचीत हुई.

एक सूत्र ने बताया, 'दोनों पक्षों की ओर से हिंसक झड़प के मुद्दे उठाए गए. भारत ने क्षेत्र में पीछे हटने की प्रकिया में तेजी लाने को कहा. हालांकि कोई सफलता नहीं मिली.'

Last Updated : Jun 18, 2020, 7:31 PM IST

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