चंडीगढ़ : सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) के पूर्व जवान तेज बहादुर यादव ने जननायक जनता पार्टी (जजपा) द्वारा सरकार गठन के लिए भाजपा को समर्थन देने को हरियाणा के मतदाताओं के साथ धोखा करार देते हुए शनिवार को जजपा छोड़ दी.
दरअसल यादव ने सैनिकों को दिये जाने वाले भोजन की गुणवत्ता की शिकायत करते हुए एक वीडियो पोस्ट किया था, जिसके बाद 2017 में उन्हें सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) से बर्खास्त कर दिया गया था. इसके बाद वह जजपा में शामिल हुए और करनाल सीट से मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर के खिलाफ विधानसभा चुनाव लड़ा, लेकिन 3,175 वोटों के साथ तीसरे स्थान पर रहे.
तेज बहादुर ने इस मुद्दे पर ईटीवी भारत से खास बातचीत की. उन्होंने कहा, 'मैंने जेजेपी और बीजेपी के गठबंधन के चलते जेजेपी का साथ छोड़ा है. जेजेपी गद्दार पार्टी है क्योंकि प्रदेश की जनता ने बीजेपी से परेशान होकर जेजेपी को विकल्प चुना, लेकिन आज वही पार्टी बीजेपी का साथ दे रही है.' इसलिए अब तेज बहादुर ने जेजेपी के खिलाफ मोर्चा खोलने की बात कही है.
बीएसएफ से बर्खास्त जवान ने जेजेपी से किया किनारा
बीएसएफ से बर्खास्त जवान तेज बहादुर ने रेवाड़ी में प्रेस वार्ता कर जेजेपी से किनारा कर लेने की घोषणा की. तेज बहादुर का कहना है कि बीजेपी-जेजेपी गठजोड़ की ये सरकार 6 महीने से ज्यादा नहीं चल पाएगी. जेजेपी को जो बहुमत मिला है, वो घोषणा पत्र में किए वादों पर मिला है, लेकिन समर्थकों से सलाह लिए बिना दुष्यंत चौटाला का बीजेपी को समर्थन करना सरासर गलत है.
इसे भी पढ़ें -हरियाणा में शपथ ग्रहण समारोह कल, मनोहर लाल खट्टर के डेप्युटी बनेंगे दुष्यंत चौटाला
जेजेपी पर पहले से था अंदेशा
तेज बहादुर ने कहा, 'बीजेपी से हमारी कोई लड़ाई नहीं थी, लेकिन बीजेपी ने प्रदेश की जो दुर्दशा की, उसके खिलाफ दुष्यंत चौटाला ने चौधरी देवीलाल के नाम पर लोगों को गुमराह करने का काम किया है.' उन्होंने कहा कि इस बात का अंदेशा उन्हें पहले से था क्योंकि जब वह 4 दिनों तक जेल में बंद रहे तो पार्टी ने उनकी सुध तक नहीं ली. उन्होंने कहा कि दुष्यंत चौटाला ने प्रदेश में मतदाताओं के साथ एक भद्दा मजाक किया है. ऐसे में अब जेजेपी कभी एक सीट भी नहीं जीत पाएगी.