देहरादून : आज वायु सेना के बेड़े में फ्रांसीसी राफेल विमान शामिल हो गया है, जिसके बाद माना जा रहा है कि वायु सेना की ताकत कई गुना बढ़ गई है. वहीं अगर इतिहास के पन्ने पलटकर देखें तो वायुसेना ने समय-समय पर बेहद खास भूमिका निभाई है. आज पूरी दुनिया में भारतीय वायु सेना के पराक्रम का डंका बज रहा है. इस पराक्रम की शुरुआत देश की आजादी के साथ ही शुरू हो गई थी, जो बदस्तूर जारी है. इसी मौके पर उत्तराखंड की राजधानी देहरादून में रिटायर्ड सैन्य अधिकारी ब्रिगेडियर केजी बहल ने ईटीवी भारत से खास बातचीत की.
ब्रिगेडियर केजी बहल बताते हैं कि देश की आजादी के बाद से ही भारतीय वायु सेना का महत्वपूर्ण योगदान रहा है.
बहल ने कहा कि देश की आजादी के बाद जब 1947-48 में जम्मू कश्मीर रियासत पर कव्वालियों ने हमला किया था. इस दौरान सड़क मार्ग से जम्मू-कश्मीर का सम्पर्क पूरी तरह टूट चुका था. लेकिन महाराजा हरि सिंह के भारत में विलय की मंजूरी के तत्काल बाद भारतीय वायु सेना हरकत में आई और भारतीय वायु विमानों ने श्रीनगर के लिए उड़ान भरी.
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