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बीएमसी की कार्रवाई : कंगना की अपील पर आठ अक्टूबर को आएगा फैसला

बॉम्बे हाईकोर्ट अभिनेत्री कंगना रनौत की याचिका पर सुनवाई कर रही थी. कोर्ट ने अब इस मामले में फैसला सुरक्षित रख लिया है. फैसला आठ अक्टूबर को सुनाया जाएगा. पढ़ें पूरी खबर...

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बीएमसी की कार्रवाई

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Published : Oct 5, 2020, 1:04 PM IST

मुंबई :फिल्म अभिनेत्री कंगना रनौत की संपत्ति के विध्वंस मामले पर बॉम्बे हाईकोर्ट ने फैसला सुरक्षित रख लिया है. अब मामले पर फैसला आठ अक्टूबर को आएगा. इस दौरान सभी पक्षों ने अपनी लिखित प्रस्तिुतियां दायर कीं, जिसके बाद कोर्ट ने सुनवाई खत्म कर आदेश सुरक्षित रख लिया.

गौरतलब है कि बम्बई उच्च न्यायालय ने इससे पूर्व अपनी सुनवाई के दौरान कहा था कि बृहन्मुंबई महानगरपालिका (बीएमसी) में तब कुछ गड़बड़ चल रही थी, जब वह कथित अवैध निर्माणों को ध्वस्त करने के लिए आया था. अदालत ने यह टिप्पणी अभिनेत्री कंगना रनौत की याचिका पर सुनवाई के दौरान की.

न्यायमूर्ति एस जे कथावाला और न्यायमूर्ति आर आई चागला की पीठ ने रनौत के मामले में कहा कि बीएमसी ने कथित अवैध निर्माणों की तस्वीरें काम रोकने के नोटिस के साथ संलग्न करने और ध्वस्तीकरण करने से पहले कुछ दिन इंतजार करने की अपनी ही प्रथा का पालन नहीं किया.

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अदालत ने यह टिप्पणी रनौत द्वारा दायर उस रिट याचिका पर सुनवाई करते हुए की, जो उन्होंने उपनगरीय बांद्रा में पाली हिल स्थित अपने बंगले एक हिस्से को नौ सितम्बर को ढहाए जाने को चुनौती देते हुए दायर की थी.

न्यायाधीश बीएमसी के एच वार्ड के अधिकारी भाग्यवंत लाते से सवाल कर रहे थे, जो कि रिट याचिका में एक प्रतिवादी हैं और जिनके अधिकार क्षेत्र में रनौत की संपत्ति पड़ती है.

सवाल करने के दौरान, पीठ ने कहा कि रनौत की इमारत के करीब के भवनों में समान अवैधता के मामलों में बीएमसी ने ध्वस्तीकरण से पहले कई दिनों तक इंतजार किया.

अदालत ने कहा कि इसके अलावा, ज्यादातर अन्य मामलों में उसने कथित अवैध निर्माणों की तस्वीरें काम रोकने संबंधी भवन मालिकों को सौंपे गए नोटिस के साथ दी थीं और वह ऐसे प्रकरणों में अक्सर पुलिस को ऐसी कार्रवाई के लिये साथ नहीं ले जाती.

पीठ ने कहा कि हालांकि रनौत के मामले में बीएमसी के पास कथित अवैध निर्माण की डिजिटल तारीख और समय के साथ कोई तस्वीर नहीं है तथा ध्वस्तीकरण की कार्रवाई अभिनेत्री को नोटिस देने के मात्र 24 घंटे के भीतर भारी पुलिस बल की मौजूदगी में की गई.

न्यायाधीश ने कहा कि बीएमसी ने अपने जवाब में दावा किया कि उसने इसी तरह के एक अवैध निर्माण को आठ सितम्बर को ध्वस्त किया था. हालांकि, जब पीठ ने उससे उसकी तस्वीरों के लिए कहा तो उसने कहा कि रिकार्ड में ऐसी तस्वीरें या दस्तावेज उपलब्ध नहीं हैं.

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