मुंबई :बॉम्बे हाईकोर्ट केन्यायमूर्ति एस एस शिन्दे और न्यायमूर्ति एम एस कार्णिक की पीठ समीत ठक्कर नामक व्यक्ति की याचिका पर सुनवाई कर रही थी जिसने महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे और उनके मंत्री पुत्र आदित्य ठाकरे के खिलाफ अपने ट्वीटों के कारण दर्ज हुई प्राथमिकी को निरस्त करने का आग्रह किया था.
मुंबई स्थित वी पी मार्ग थाने में ठक्कर के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई है.
गुरुवार को ठक्कर के वकील अभिनव चंद्रचूड़ ने दलील दी कि संविधान प्रत्येक व्यक्ति को सार्वजनिक पदों पर बैठे लोगों, यहां तक कि प्रधानमंत्री की आलोचना करने का भी अधिकार देता है. हालांकि, पीठ इस तर्क से सहमत नहीं हुई.
पीठ ने कहा कि लोकतंत्र में किसी भी व्यक्ति को अपने विचार व्यक्त करने की स्वतंत्रता है, लेकिन इससे किसी व्यक्ति को दूसरों के संवैधानिक अधिकारों का हनन करने का लाइसेंस नहीं मिल सकता.
अतिरिक्त लोक अभियोजक एस आर शिन्दे ने कहा कि ठक्कर ने नोटिस जारी होने के बाद भी पुलिस के समक्ष अब तक अपना बयान दर्ज नहीं कराया है.