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एनआईए को जांच सौंपे जाने पर अपनी ही सरकार पर बरसे पवार

भीमा कोरेगांव मामले पर शुक्रवार को बॉम्बे हाई कोर्ट ने गौतम नवलखा और आनंद तेलतुम्बडे की अग्रिम जमानत याचिका खारिज कर दी. कोर्ट ने उन्हें सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाने के लिए 4 हफ्ते का समय दिया है. भीमा कोरेगांव मामले से जुड़े एक अन्य घटनाक्रम में जांच का जिम्मा पुणे पुलिस के हाथ से लेकर राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) को सौंपने पर एनसीपी प्रमुख शरद पवार नाराज हो गए.

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भीमा कोरेगांव केस पर शरद पवार

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Published : Feb 14, 2020, 11:46 AM IST

Updated : Mar 1, 2020, 7:38 AM IST

मुंबई : भीमा कोरेगांव मामले पर शुक्रवार को बॉम्बे हाई कोर्ट ने गौतम नवलखा और आनंद तेलतुम्बडे की अग्रिम जमानत याचिका खारिज कर दी. कोर्ट ने उन्हें सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाने के लिए चार हफ्ते का समय दिया है. भीमा कोरेगांव मामले से जुड़े एक अन्य घटनाक्रम में जांच का जिम्मा पुणे पुलिस के हाथ से लेकर राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) को सौंपने पर एनसीपी प्रमुख शरद पवार ने प्रतिक्रिया दी है.

पवार ने कहा, 'इस तरह से राज्य के हाथ से जांच को बाहर करना गलत है. महाराष्ट्र राज्य सरकार का इस फैसले का समर्थन करना गलत है.' उन्होंने उद्धव ठाकरे की सरकार पर सवाल उठाए हैं. पवार के अनुसार राज्य सरकार को ऐसा नहीं करना चाहिए था.

दरअसल, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) प्रमुख शरद पवार ने कहा है कि महाराष्ट्र पुलिस में कुछ लोगों का व्यवहार (भीमा कोरेगांव जांच में शामिल) आपत्तिजनक था. मैं चाहता था कि इन अधिकारियों की भूमिका की जांच हो.

पवार ने कहा, सुबह महाराष्ट्र सरकार के मंत्रियों की पुलिस अधिकारियों के साथ बैठक हुई और दोपहर तीन बजे केंद्र ने मामले को NIA को हस्तांतरित करने का आदेश दिया. यह संविधान के अनुसार गलत है, क्योंकि अपराध की जांच राज्य का अधिकार क्षेत्र है.

Last Updated : Mar 1, 2020, 7:38 AM IST

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