लखनऊ : उत्तर प्रदेश में विधानसभा की सात सीटों पर उपचुनाव की प्रक्रिया जारी है. विधानसभा चुनाव 2022 से पहले का यह चुनाव सत्ता पर काबिज भाजपा के लिए कड़ी परीक्षा है. भाजपा के पास इन खाली सात में से छह सीटें हैं. इस समय प्रदेश में कोरोना संकट, अयोध्या में राममंदिर निर्माण की तैयारी और हाथरस कांड के बाद होने जा रहे उपचुनाव पर सबकी निगाहें टिकी हैं. उपचुनाव के नतीजों से सियासी दलों के प्रति मतदाताओं के रूख का पता चलेगा. इस उपचुनाव में भाजपा की साख दांव पर लगी है. प्रदेश की सभी बड़ी पार्टियों के साथ छोटे दलों के भी प्रत्याशी नामांकन पत्र दाखिल कर चुके हैं. भाजपा ने दो दिवंगत नेताओं की पत्नियों को मैदान में उतार कर इमोशनल कार्ड खेलने का भी प्रयास किया है. सभी सीटों पर अलग-अलग समीकरण काम कर रहे हैं.
जौनपुर जिले की मल्हनी सीट का समीकरण
जौनपुर जिले की मल्हनी सीट सपा के पारस नाथ यादव के निधन के कारण खाली हुई है. सपा को यह सीट बरकार रखने की चुनौती है. सपा ने यहां से पारस नाथ के पुत्र लकी यादव को अपना प्रत्याशी बनाया है. भाजपा से यहां मनोज सिंह उनके सामने हैं. बसपा ने जयप्रकाश दुबे और कांग्रेस ने राकेश मिश्र को मैदान में उतारकर समीकरण उलझा दिया है. इस सीट पर दो बार विधायक रहे धनंजय सिंह भी ताल ठोककर लड़ाई को रोचक बना रहे हैं.
उन्नाव की बांगरमऊ सीट का समीकरण
उन्नाव की बांगरमऊ सीट भाजपा से विधायक रहे कुलदीप सिंह सेंगर की सदस्यता जाने के कारण खाली हुई है. यह सीट बरकरार रखना भाजपा के लिए चुनौती है. भाजपा ने यहां से उन्नाव के पूर्व जिला अध्यक्ष श्रीकांत कटियार को उतारा है. समाजवादी पार्टी ने सुरेश कुमार पाल और बसपा ने महेश प्रसाद को टिकट दिया है. कांग्रेस ने बांगरमऊ से आरती बाजपेयी को प्रत्याशी बनाया है.
फिरोजाबाद की टूंडला सीट
फिरोजाबाद की टूंडला सुरक्षित सीट योगी सरकार में कैबिनेट मंत्री एसपी सिंह बघेल के सांसद चुने जाने के बाद खाली हुई है. काफी दिनों से खाली इस सीट पर भाजपा ने प्रेमपाल धनगर को मैदान में उतारा है. इनके सामने सपा के महराज सिंह धनगर चुनाव मैदान में हैं. बसपा ने संजीव कुमार चक को और कांग्रेस ने यहां से स्नेहलता को प्रत्याशी बनाया है.
कानपुर की घाटमपुर सीट का समीकरण