नई दिल्ली : भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेता बिहार में दोबारा सत्ता हासिल करने का दम भर रहे हैं, मगर पार्टी के आंतरिक सर्वे के बाद आए परिणाम से कुछ परेशान भी हैं. सर्वे में बताया गया है कि बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की लोकप्रियता में कमी आई है. 15 साल से मुख्यमंत्री की कुर्सी पर बैठे नीतीश कुमार के खिलाफ इस बार कई फैक्टर काम कर रहे हैं, जो भाजपा को भी नुकसान पहुंचा सकते हैं.
यही वजह है कि प्रधानमंत्री की तरफ से बिहार के लिए एक बड़े पैकेज की भी घोषणा की गई, ताकि केंद्र की उपलब्धियों को भाजपा चुनाव में भुना सके. इसी वजह से भारतीय जनता पार्टी मुख्यमंत्री नीतीश कुमार नहीं, बल्कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के चेहरे पर चुनाव प्रचार पर ज्यादा ध्यान देगी.
बिहार चुनाव पर शाहनवाज हुसैन नीतीश कुमार को लेकर लोगों में भरोसा कम हुआ
बिहार चुनाव को लेकर भाजपा ने एक आंतरिक सर्वे कराया था. इस सर्वे को करने के लिए पार्टी के महासचिव, एमएलसी, प्रदेश उपाध्यक्ष, मंडल अध्यक्षों समेत कुल 90 लोगों की एक टीम तैयार की गई थी. सर्वे में यह बात निकलकर सामने आई कि नीतीश कुमार को लेकर लोगों में भरोसा कम हुआ है. साथ ही कोरोना वायरस के दौरान मुख्यमंत्री की भूमिका को लेकर भी लोगों ने सवाल उठाए.
प्रदेश की स्वास्थ्य व्यवस्था को लेकर भी लोग सरकार से खुश नहीं दिखे. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की विश्वसनीयता को लेकर लोगों ने संदेह भी जताया. इस रिपोर्ट के आधार पर ही भाजपा ने अपनी रणनीति बदलते हुए यह तय किया कि पार्टी इस चुनाव में प्रचार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नाम पर ही और केंद्र सरकार की उपलब्धियों पर करेगी.
चुनाव तैयारियों में भाजपा अन्य दलों से आगे
बिहार विधानसभा चुनाव में लड़ाई एनडीए और महागठबंधन के बीच है. दोनों ही खेमे अपने गठबंधन के दलों को एकजुट करने की जद्दोजहद में लगे हैं. एनडीए में एलजेपी और जेडीयू के बीच घमासान जारी है. भाजपा कशमकश में है.
वहीं, महागठबंधन में भी सबकुछ ठीक नहीं है. चुनाव तैयारियों की बात करें तो भाजपा अन्य दलों से आगे है. भारतीय जनता पार्टी ने जून से ही चुनाव प्रचार की शुरुआत कर दी थी. सबसे पहले केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने बिहार जन संवाद के जरिए लोगों के साथ डिजिटल जन संवाद किया था. जन संवाद रैलियों के माध्यम से भारतीय जनता पार्टी ने बिहार की जनता की नब्ज टटोलने की कोशिश की थी.
सरकार विरोधी माहौल से डरी भाजपा
अंदरखाने बिहार में भाजपा इस बार विपक्ष से ज्यादा अपनी ही सरकार और गठबंधन की पार्टियों के बीच चल रही कशमकश को लेकर सरकार विरोधी माहौल से डरी हुई है. यही वजह है कि इस महीने की शुरुआत में ही जेपी नड्डा ने दो दिवसीय बिहार दौरा किया था. इसमें कार्यकर्ताओं को साफ तौर पर यह कहा गया था कि वह मात्र पार्टी के उम्मीदवार ही नहीं, बल्कि गठबंधन के उम्मीदवारों को भी जिताने के लिए पूरी मेहनत करें. कोरोना और बिहार में बाढ़ के बाद जनता के मूड को देखते हुए भाजपा सतर्क है.
220 सीट से ज्यादा जीतेंगे : शाहनवाज हुसैन
बिहार चुनाव के प्रभारी व भाजपा नेता भूपेंद्र यादव का कहना है कि बिहार में चुनाव को लेकर निर्वाचन आयोग की घोषणा का हम स्वागत करते हैं. बिहार में इस बार भी लोक सभा चुनाव वाले परिणाम दोहराए जाएंगे. विधानसभा चुनाव में भी एनडीए तीन चौथाई बहुमत से जीत दर्ज करने जा रही है.
वहीं, भाजपा नेता शाहनवाज हुसैन का कहना है कि आज बिहार के चुनाव की घोषणा हो गई है. चुनाव तीन चरण में हो रहा है. यह चुनाव का एलान है, लेकिन यह भी एलान है कि नीतीश कुमार फिर से मुख्यमंत्री बनेंगे. यह जनता ने मन में ठान लिया है. यह 2020 है. हम लोग विधानसभा के चुनाव में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी के आशीर्वाद से नीतीश कुमार के नेतृत्व में 220 सीट से ज्यादा जीतेंगे. इस चुनाव में आरजेडी पूरी तरह से हताश और निराश है. महागठबंधन टूट गया है. हम लोग विकास के पथ पर आगे बढ़ते हुए बिहार को रुकने नहीं देंगे.