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कांग्रेस ने 1984 नरसंहार के दोषियों को संरक्षण देने का काम किया : भाजपा

भाजपा ने 1984 सिख दंगों और निर्भया मामले में आरोपियों की फांसी में देरी को लेकर कांग्रेस और आम आदमी पार्टी पर हमला बोला है. जानें क्या कुछ भाजपा ने...

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प्रकाश जावड़ेकर

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Published : Jan 16, 2020, 1:41 PM IST

Updated : Jan 16, 2020, 2:55 PM IST

नई दिल्ली : भाजपा ने 1984 सिख दंगों और निर्भया मामले में आरोपियों की फांसी में देरी को लेकर कांग्रेस और आम आदमी पार्टी पर निशाना साधा है. भाजपा नेता और केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने कहा कि आज जस्टिस ढींगरा कमीशन ने अपनी रिपोर्ट दी है और रिपोर्ट में सच्चाई सामने आई है.

जावड़ेकर ने प्रेस वार्ता के दौरान कहा कि उन्होंने साफ़ किया है कि 1984 के सिख नरसंहार के दोषियों पर कांग्रेस ने कोई कार्रवाई नहीं की बल्कि दोषियों को संरक्षण देने का काम किया.

ये है रिपोर्ट में
उन्होंने कहा कि इस रिपोर्ट में 2-3 बातें सामने आईं हैं. रिपोर्ट में मुख्य निष्कर्ष ये है कि इस नरसंहार की सही जांच हुई ही नहीं. जिसमें करीब 3,000 सिखों को जिंदा जलाया गया, घरों को लूटा गया, जलाया गया और तब के प्रधानमंत्री राजीव गांधी ने इसका समर्थन किया था.

प्रेस वार्ता के दौरान प्रकाश जावड़ेकर

याद दिलाए सुल्तानपुर दंगे
जावड़ेकर ने कहा कि रिपोर्ट में एक उदाहरण देते हुए कहा है कि सुल्तानपुर में दंगों से संबंधित करीब 500 घटनाएं हुईं. इसमें सैकड़ों लोग मारे गए, घर जलाए गए, लूटपाट हुई. लेकिन 500 घटनाओं की सिर्फ एक ही एफआईआर हुई और एक एफआईआर की जांच के लिए सिर्फ एक ही कर्मचारी लगाया गया.

राजीव गांधी ने किया था हिंसा का समर्थन
केंद्रीय मंत्री ने आगे कहा कि उस समय के प्रधानमंत्री राजीव गांधी जी ने हिंसा का समर्थन करते हुए कहा था कि जब कोई बड़ा पेड़ गिरता है तो धरती हिलती ही है. तीन हजार सिखों का कत्ले आम हुआ और उसके बाद कांग्रेस का ये रवैया. इससे केवल ये साफ पता चलता है कि कांग्रेस का हाथ क़त्ल करने वालों के साथ.

आप पर निशाना
जावड़ेकर ने कहा कि देश को झकझोरने वाले निर्भया केस के आरोपी आज तक फांसी पर नहीं लटके, इसका एकमात्र कारण दिल्ली की आम आदमी पार्टी की सरकार की लापरवाही है.

प्रेस वार्ता के दौरान प्रकाश जावड़ेकर

उन्होंने कहा कि उच्चतम न्यायालय ने उनकी अपील 2017 में ही खारिज कर दी थी और उन्हें फांसी की सजा दी थी. लेकिन एक प्रक्रिया के तहत तिहाड़ जेल प्रशासन दोषियों को एक नोटिस देता है कि अब आपको कोई दया याचिका या अपील दाख़िल करनी है तो कर लो, अन्यथा फांसी हो जाएगी. लेकिन उन्हें ये नोटिस 2.5 साल तक दी ही नहीं गया, ये देरी उन अपराधियों से दिल्ली सरकार की सहानुभूति को दर्शाती है.

Last Updated : Jan 16, 2020, 2:55 PM IST

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