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₹35 करोड़ के एनसीईआरटी पुस्तक घोटाले में भाजपा नेता निलंबित

अमरोहा जनपद में छापेमारी करते हुए करोड़ों रुपये की फर्जी एनसीईआरटी की किताबें बरामद की थी, जिसके बाद भाजपा ने आरोपी सचिन गुप्ता के पिता संजीव गुप्ता को निलंबित कर दिया गया है. वहीं डुप्लीकेट प्रिटिंग करने वाला आरोपी सचिन गुप्ता अब भी फरार है. पढ़ें पूरी खबर...

NCERT book scam
एनसीईआरटी पुस्तक घोटाला

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Published : Aug 23, 2020, 1:46 PM IST

Updated : Aug 23, 2020, 2:08 PM IST

लखनऊ :भाजपा ने अपने नेता संजीव गुप्ता को निलंबित कर दिया है, जिनका बेटा सचिन गुप्ता 35 करोड़ रुपये की एनसीईआरटी की किताबों की डुप्लीकेट प्रिटिंग कराने के मामले में आरोपी के रूप में नामजद होने के बाद से फरार है. वहीं, इस मामले में उत्तर प्रदेश पुलिस द्वारा अब तक 12 लोगों को गिरफ्तार किया गया है. गुप्ता फररा बना हुआ है. सचिन गुप्ता के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है.

स्पेशल टास्क फोर्स के उप-निरीक्षक संजय सोलंकी ने भी सचिन गुप्ता और पांच अन्य के खिलाफ परतापुर पुलिस स्टेशन में मामला दर्ज करवाया है. इस घोटाले का भंडाफोड़ मेरठ जिले में विशेष कार्य बल (एसटीएफ) द्वारा किया गया था.

एसटीएफ के डीएसपी ब्रजेश कुमार सिंह ने कहा कि सचिन गुप्ता परतापुर के अछोंडा में एक गोदाम का और मोहकमपुर में एक प्रिंटिंग प्रेस का मालिक है.

उन्होंने बताया कि 'वह फिलहाल फरार है और उसकी गिरफ्तारी के प्रयास किए जा रहे हैं. छापे के तुरंत बाद, पुलिस अधिकारियों ने सचिन से फोन पर बात की और उसने कहा कि वह किताबों के कागजात लेकर आ रहा है, लेकिन बाद में नहीं आया और मोबाइल फोन भी स्विच ऑफ कर दिया.'

अब तक की जांच में पता चला है कि उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, हरियाणा और दिल्ली सहित सात राज्यों में डुप्लीकेट किताबें छापी और आपूर्ति की गई थीं.

फर्जी एनसीईआरटी की किताबें लगभग 364 प्रकार की थीं, जिनमें कक्षा 9 से 12 तक की भौतिकी, रसायन विज्ञान और गणित की किताबें शामिल थीं. इससे पहले भी, सचिन गुप्ता उत्तर प्रदेश बोर्ड की नकली किताबें छापने में शामिल रहा है. यह स्पष्ट नहीं है कि क्या पिछले मामले में कोई कार्रवाई की गई थी.

पढ़ें -उत्तर प्रदेश : अमरोहा में बरामद हुईं 35 करोड़ की नकली किताबें

एनसीईआरटी की वास्तविक पुस्तकें केवल दिल्ली में छपी हैं और खुदरा विक्रेताओं को 15 प्रतिशत के कमीशन पर उपलब्ध हैं. इसके अलावा, वास्तविक पुस्तकों की खरीद के लिए, खुदरा विक्रेताओं को अग्रिम में पूरी राशि का भुगतान करना होगा.

दूसरी ओर, नकली पुस्तकें 30 प्रतिशत कमीशन पर उपलब्ध हैं और इन्हें खरीदने के लिए किसी अग्रिम भुगतान की आवश्यकता नहीं है.

उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने इस बीच, ट्विटर पर भाजपा से अपने नेताओं को नैतिक शिक्षा का पाठ पढ़ाने के लिए कहा है.

Last Updated : Aug 23, 2020, 2:08 PM IST

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