नई दिल्ली : अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत की मौत को 50 दिन से अधिक हो चुके हैं. सीबीआई ने इस मामले में प्राथमिकी दर्ज कर ली है. हालांकि, जिस तरह की घटनाएं पिछले दिनों सामने आई हैं, अब इस केस के तार सीधे तौर पर राजनीति से भी जुड़ते नजर आ रहे हैं. बीजेपी इसका पूरा फायदा उठाना चाहती है. शुरुआत से ही इस मामले को भाजपा राजनीतिक रंग देने की कोशिश कर रही थी. अब यह मामला पूरी तरह से राजनीतिक तूल पकड़ चुका है.
इस मुद्दे पर पूछे जाने पर भारतीय जनता पार्टी के महाराष्ट्र से नेता देवेंद्र फडणवीस ने ईटीवी से बताया कि सवाल यह उठ रहा है कि यह जांच ठीक से हो रही या इसमें किसी को बचाने की कोशिश की जा रही है ? इसमें मनी लॉन्ड्रिंग का मसला भी सामने आया है. इसमें पैसों की लेन-देन भी शामिल है. फडणवीस ने कहा कि किसके अकाउंट से पैसे आए, किसमें गए यह सारा मसला जांच का विषय बनता है. उन्होंने कहा कि सुशांत के केस को लेकर जन आक्रोश बढ़ रहा है. लगातार इसमें नए-नए खुलासे हो रहे हैं.
भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता शाहनवाज हुसैन का कहना है कि बिहार की सरकार ने बिहार की 12 करोड़ जनता की मांग पर सुशांत सिंह राजपूत के मामले को सीबीआई को सौंपने की सिफारिश की. उन्होंने कहा कि मैं बिहार सरकार को धन्यवाद देता हूं. देश को भरोसा है कि सीबीआई दूध का दूध और पानी का पानी करेगी. उन्होंने कहा कि सुशांत सिंह राजपूत के परिवार और उनके चाहने वालों को बिहार की 12 करोड़ जनता को न्याय मिलेगा.
शाहनवाज ने यह भी कहा कि देश यह जानना चाहता है कि सुशांत सिंह राजपूत मामले में महाराष्ट्र सरकार क्या छिपाना चाहती है ? इस तरह का व्यवहार क्यों कर रही है ? महाराष्ट्र सरकार इस मामले पर लीपापोती क्यों कर रही है ?
सूत्रों की मानें तो भाजपा ने यह तय किया है कि सुशांत मामले में बीजेपी की महाराष्ट्र इकाई के नेता और राष्ट्रीय नेता आने वाले दिनों में भी इस मामले को उठाएंगे. हालांकि, भाजपा का निशाना सीधे-सीधे मुख्यमंत्री के बेटे की तरफ भी सांकेतिक तौर पर है. इस पर खुद आदित्य ठाकरे ने सफाई भी दी है, मगर अब भाजपा उस पर टिप्पणी करते हुए कह रही है कि उन्होंने मुख्यमंत्री का नाम नहीं लिया, चोर की दाढ़ी में तिनका कैसा ?