नई दिल्ली : भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता और पूर्व केंद्रीय मंत्री सैयद शाहनवाज हुसैन ने चीन के शिनजियांग क्षेत्र में उइगर मुसलमानों के खिलाफ अत्याचार की कड़ी निंदा की है. उन्होंने कहा कि कुछ स्वतंत्र समाचार एजेंसियों और ह्युमन राइटस कार्यकर्ताओं की तथ्य रिपोर्ट दिल दहलाने वाली है कि कम्युनिस्ट सरकार ने तीस लाख मुसलमानों को बंधक बनाकर शिविर में रखा हैं. उनके ऊपर होने वाले अत्याचार इतने असहनीय है कि मानवता के बेहद शर्मनाक है.कम्युनिस्ट सरकार ने हिटलर और स्टालिन को भी मात दे दी है.
सैयद शाहनवाज हुसैन ने कहा है कि चीन के शिनजियांग में उइगर मुसलमानों का नरसंहार 21 वीं सदी का सबसे बड़ा अत्याचार है, जिसने हिटलर और स्टालिन को मात दे दी है. इसलिए भारत समेत पूरी दुनिया को इसके खिलाफ आवाज उठानी चाहिए. कुछ रिपोर्टों के अनुसार, चीन सरकार ने डी रेडिकलाइजेशन कैंपों को शिक्षा शिविर बता कर दुनिया को गुमराह कर रही है जहां तीन मिलियन उइगर मुसलमानों को हिरासत में रखा गया है और प्रताड़ित किया जा रहा है. यह भ्रामक है कि चीन शैक्षिक उद्देश्यों के लिए इन शिविरों का उपयोग कर रहा है. शिविरों को स्थापित किया गया है.
चीन के शिनजियांग क्षेत्र में उइगर मुसलमानों के खिलाफ अत्याचार की खबरें आती रही हैं, लेकिन एक हालिया रिपोर्ट में, जिसमें 50 उपग्रह चित्रों का विश्लेषण किया गया है, जिसमें भारत के लद्दाख के करीब सभी इलाकों में शिविरों के विस्तार की जांच की गई है, जहां उइगर मुसलमान रहते हैं.
भाजपा के वरिष्ठ नेता शाहनवाज हुसैन ने चीन के अत्याचारों पर गुस्सा व्यक्त करते हुए यह भी खुलासा किया कि शिनजियांग में मुस्लिम आबादी को कम करने के लिए, चीनी कम्युनिस्ट सरकार मुस्लिम महिलाओं को चीनी पुरुषों से शादी करने के लिए मजबूर कर रही है. उन्होंने वहां एक अभियान चलाया है जिसके कारण हजारों मुस्लिम महिलाएं अपनी इज्जत को बचाने में विफल रही हैं. साथ साथ इन शिविरों में मुस्लिमों को खाने-पीने और साथ ही नमाज में बाधाओं का सामना करना पड़ता है.
सैयद शाहनवाज हुसैन ने कहा है कि चीन में मुसलमानों पर अत्याचार के बावजूद पाकिस्तान चीन के तलवे चाट रहा है. दुर्भाग्य से, ओआईसी भी चुप है और उसने भारत में मुस्लिम संगठनों और विद्वानों से प्रतिक्रिया की कमी पर दुख व्यक्त किया है. उन्होंने अपील की है कि चीन की दमनकारी कम्युनिस्ट सरकार के खिलाफ हर मंच पर अपनी आवाज बुलंद करें. उन्होंने कहा कि मुसलमानों के लिए भारत से अच्छा देश और नरेंद्र मोदी से बेहतर दोस्त कोई नहीं हो सकता है. इसके बावजूद, भारत में कोई एक छोटी सी घटना होती है तो हंगामा हो जाता है मगर चीन में इतना बड़े अत्याचार पर चुप्पी समझ से परे है.
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ह्यूमन राइट्स वॉच ने 22 पश्चिमी देशों की तरफ से चीन से अनुरोध किया कि वह उइगर मुस्लिमों की नजरबंदी खत्म करे और मानवाधिकार नियम लागू करे लेकिन तानाशाही चीन किसी की नही सुन रहा. शिनजियांग वह इलाका है जो 1949 में इसे एक अलग राष्ट्र के रूप में मान्यता प्रदान की गई थी, लेकिन यह स्थिति ज्यादा दिनों तक नहीं रही और उसी साल चीन ने इस इलाके पर कब्जा कर लिया.