नई दिल्ली: लोकसभा चुनाव के परिणाम आने के बाद बीजेपी और एनडीए संसदीय दल की बैठक हुई, जिसमें नरेंद्र मोदी को एनडीए दल का नेता चुना गया. एनडीए की बैठक के बाद पीएम मोदी राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद से मिलकर सरकार बनाने का दावा पेश कर सकते हैं.
एनडीए संसदीय दल के नेता के तौर पर चुने जाने के बाद मोदी का संबोधन:
- सफलता के हकदार आप सब हैं. विफलताएं मुझ पर थोपिए, कोई दिक्कत नहीं है. हमारे इष्ट देवता भारत माता है.
- अब दुनिया को भारत से बहुत अपेक्षाएं हैं. राजनयिक संबंधों सेबकुछ नहीं होता है. हमे अपनी सामर्थ्य में वृद्धि करना होगा
- लोगों की अपेक्षाएं बढ़ी हैं. यह अच्छी बात है. यह एक उज्जवल पक्ष है. इससे देश नई ऊंचाइयों को प्राप्त करेगा.
- हम कुछ करने के लिए नहीं, बहुत कुछ करने के लिए आए हैं. हम वैसी सरकार नहीं हैं. हमें 2019 से 24 के बीच 1942-47 वाला स्प्रिीट पैदा करना होगा. 21 वीं सदी भारत की सदी बने. यह हमारा दायित्व है.
- हम चाहते हैं कि 1857 वाली स्प्रिट पैदा करना है. कंधे से कंधा मिलाकर चलना है. जो हमारा घोर विरोध करते हैं, हम उनके लिए भी हैं. 2022 आजादी के 75 साल हो जाएंगे. अधिकार से ज्यादा कर्तव्य पर जोर दें.
- इस देश के अल्पसंख्यकों के साथ भी ऐसा ही छल हुआ है. छलावे में भयभीत रखा गया है. वोट बैंक की राजनीति में काल्पनिक वातावरण बनाकर रख दिया. उसे दूर रखा, दबाकर रखा. इस छल में भी छेद करना है.
- 2014 से 19 तक गरीबों के लिए सरकार चलाई है. इस बार तो गरीबों ने ही यह सरकार बनाई है. गरीब राजनीतिक संवाद और विवाद का विषय बना दिया गया है. इसे भ्रमजाल बना दिया है. गरीबों के साथ हो रहे छल को हमने खत्म कर दिया. हम गरीबी को हटाने पर आगे बढ़ रहे हैं. हमें गरीबी को मुक्त करना है. उसका हक है कि उसे घर मिले, पानी मिले. उसके हक के लिए हम काम करेंगे.
- क्षेत्र का काम आपको करना है. आपको केरल से लेकर कश्मीर तक की चिंता करनी है. आपको नेशनल दृष्टिकोण पैदा करना होगा. आप कोई भी निर्णय करें तो समाज के सबसे अंतिम छोर पर बैठे व्यक्ति को सामने रखकर सोचिए. यह सोच गांधी, लोहिया और दीन दयाल की है. और फिर बाबा साहेब आंबेडकर का संविधान है. उसके अनुरूप सोचिए. जनसेवा को प्रभुसेवा मानकर चलिए.
- वीआईपी कल्चर से देश को नफरत है. आप चेकिंग में सहयोग करें. युग बदल चुका है. जनता जनार्दन है. आप अपने आप को बदलिए. लाल बत्ती का नशा खत्म होना चाहिए.
- नए सांसद किसी की सेवा ना लें. क्योंकि एक बार वो जाल में फंसा लेंगे, तो आपको दिक्कत होगी. किसी को ऐसे ही पीए ना बना दो. अपने एरिया और विश्वसनीय लोगों को ही सहयोगी बनाएं.
- मोदी ने मंत्रियों के बनाने पर कहा कि अखबार में जो भी नाम चला रहे हैं, वे भ्रमित करने वाले हैं. उन पर ध्यान ना दें. ना कोई अपना है , न पराया है, दायित्व बहुत कम लोगों को मिलता है. सारे लोग हमारे हैं. गुमराह करने वालों पर ध्यान ना दें. कोई भी व्यक्ति पीएमओ से फोन कर दे, ऐसा नहीं होता है.
- पहले यह भाव होता है कि पार्टी ने जिताया है, फिर यह भाव आता है कि हम अपनी ताकत से जीते हैं. हकीकत ये है कि हमें सिर्फ और सिर्फ देश की जनता जिताती है. कोई भ्रम ना पालें. हम मोदी के कारण नहीं हैं. जनता के कारण हैं. हम अपनी योग्यता की वजह से नहीं हैं. यही जनादेश है. उसका सम्मान करना है.
- कोई भी आपसे ऑफ द रिकॉर्ड बात करे, तो उससे बचें. ऐसी ही छोटी-छोटी चीजें, हमें बदनाम कर देते हैं. 70 सालों तक शासन करने वाले हमें छोड़ेंगे नहीं, हमे ही सावधान रहना होगा. हमारे भीतर का कार्यकर्ता जिंदा रहे. उससे बचें.
- आडवाणी जी कहते थे...छपास औ दिखास दोनों से बचें. पहली बार जो सांसद बने हैं, उनके लिए यह विशेष रूप से है. आपलोग इस भ्रम में ना रहे. यह मैगनेटिक पावर है. इसके जाल में नहीं फंसे. किसी का बयान आपको पता होता नहीं है, रिएक्शन पहले आ जाता है. ....अब ऐसा ना करें, देश माफ नहीं करेगा.
- हमारे 2014 से 2019 के काल में हमने कुछ गलत नहीं किया. लेकिन बड़बोलेपन के कारण हमारी परेशानी बढ़ती है. कुछ लोग तो सुबह उठकर राष्ट्र के नाम संदेश नहीं देते हैं, तब तक उन्हें चैन नहीं आती है. इसी का नुकसान होता है. हमलोगों को इससे बचना चाहिए.
- नारा यानि एनए - आरए , नेशनल एंबीशन रिजनल एस्पिरेशन को लेकर हमने आगे बढ़ना है. एनर्जी और सिनर्जी -एनडीए के साथ है.
- गठबंधन की राजनीति को हकीकत बनाना ही होगा. यह देन अटल बिहारी वाजपेयी की है. एनडीए अब विश्वस्त आंदोलन बन गया है. क्षेत्रीय आकांक्षाओं की उपेक्षा नहीं की जा सकती है. इसी आधार पर हमने एनडीए को चलाया है.
- इस देश की मातृशक्ति मेरे लिए रक्षा कवच है. इस बार महिलाओं ने पुरुषों के बराबर वोट किया है. यह भी पहली बार हुआ है. मोदी ने मोदी को चैलेंज कर दिया, 2014 से ज्यादा 2019 में रिकॉर्ड बना दिया. पहली बार इतनी बड़ी संख्या में महिला सांसद चुनी गईं.
- भाजपा को पहले के मुकाबले 25 फीसदी वोट की बढ़ोतरी हुई है. ट्रंप को जितने वोट मिले, उतना हमारे वोट में वृद्धि हुई है. 17 राज्यों में 50 फीसदी से ज्यादा हमें वोट दिया है. हम वोट मांगने नहीं, धन्यवाद करने निकले थे. मेरे लिए यह चुनाव तीर्थयात्रा थी.
- मैं संविधान को नमन करता हूं. जनप्रतिनिधि के लिए कोई भेद रेखा नहीं होती है. जिनका विश्ववास हमे जीतना है, उसके लिए भी समर्पित हूं. मानवीय संवेदनाओं के साथ अब हमारा कोई पराया नहीं हो सकता है. दिलों को जीतने की कोशिश करेंगे.
- इतना बड़ा जनादेश है, तो सीना चौड़ा हो जाता है. लेकिन जनप्रतिनिधि को यह सोचने का हक नहीं है.
- यह देश परिश्रम और ईमान की पूजा करता है. इस पवित्रता को हम समर्पित हैं.
- विश्वास की डोर से नाराजगी दूर हो जाती है. इसलिए चुनाव पॉजिटिव फैक्टर वाला है.
- आज एनडीए के साथियों ने हमें अपना आशीर्वाद दिया है. उन्होंने हमें चुना है. यह तो व्यवस्था का हिस्सा है. मैं भी आपमें से एक हूं. आपके बराबर हूं. हमें कंधे से कंधा मिलाकर चलना है. अगर कुछ गलत हो जाए, तो उसे झेलने के लिए मैं तैयार हूं. आपका कंधा बिल्कुल सलामत रहेगा.
- विनोबा भावे कहते थे कि सहमति से राजनीति चले. वे कहते थे, चुनाव बांट देता है, दूरियां पैदा करता है, खाई पैदा करता है. लेकिन इस चुनाव ने दीवारों को तोड़ने का काम किया है. दिलों को जोड़ने का काम किया है.
- यह चुनाव सामाजिक एकता का आंदोलन बन गया. समता भी ममता भी, समभाव भी और ममभाव भी. इसने चुनाव को नई ऊंचाई दी है.
- देश की जनता ने नए युग की शुरुआत की है. हम इसके साक्षी हैं. हम इसके रचयिता नहीं हैं. लंबे अरसे के बाद एक मूड बना, कि चुनाव आया है, तो वोट देना है. लेकिन इस बार देश चुनाव में भागीदार बना है. यह नया है.
- 2014 से 2019 तक जनता ने हमे चलाया है. कभी-कभी जनता हमसे भी दो कदम आगे चली है. उन्होंने जिम्मेदारियों को कंधे पर उठाया है.
- मेरे कहने पर जनता ने गैस की सब्सिडी छोड़ दी. यह कितनी बड़ी बात है. देशवासियों ने ये काम किया है. इसलिए यह चुनाव प्रो इनकंबैसी फैक्टर वाला रहा है.
- जीत के बाद पूरी दुनिया में रह रहे भारतवासियों ने उमंग और उत्साह के साथ हिस्सा लिया, यह हम सब के लिए गर्व का अवसर है.
- यह प्रचंड जनादेश है. जाहिर है, यह जिम्मेदारियों को भी बढ़ा देता है. सहर्ष स्वीकारने के लिए हम तैयार हैं. हम लोगों को आगे बढ़ना है.
- हमे यहां के लोकतंत्र को समझना होगा. जनता के नीर क्षीर विवेक को मापने का कोई मापदंड नहीं है. यहां का लोकतंत्र मजबूत हो जा रहा है.
- सत्ता का रुतबा भारत के मतदाता को कभी भी स्वीकार नहीं करता है. सम्मान भी नहीं देगा. लेकिन सेवा भाव को सिर झुकाकर स्वीकार करता है.
- जनता ने हमें सेवा भाव के कारण स्वीकार किया है. सत्ता में रहकर भी उससे अलग रहना बहुत बड़ी बात होती है.
नरेंद्र मोदी को एनडीए का नेता चुने जाने के बाद भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने पीएम मोदी का अभिनंदन करते हुए उन्हें शुभकामनाएं दीं. उन्होंने कहा कि मोदी ने सबका साथ-सबका विकास के मंत्र से पांच साल देश की सेवा की है. शाह ने कहा कि एनडीए के 353 सांसद चुनकर आना जनता का प्यार है.
अमित शाह के संबोधन के प्रमुख अंश:
- मोदी ने गरीब-दलित समेत देश के हर समुदाय के लिए पिछले पांच सालों तक काम किया. यह जनता के प्रचंड जनसमर्थन की अभिव्यक्ति है. यह अनूठा जनादेश है. 1971 के बाद पहली बार कोई पीएम दोबारा बड़े बहुमत के साथ लौटा है.
- जनता ने परिवारवाद,जातिवाद, तुष्टिकरण को नकार दिया और पॉलिटिक्स ऑफ परफॉर्मेंस को अपना मतदान किया.
- देश की जनता ने नेता को चुना है. मोदी के समर्थन में मतदान किया है. उनके नाम की सुनामी चल रही थी.
- 20 साल से मोदी ने एक दिन भी छुट्टी नहीं ली है. मैंने उनमें आलस्य कभी नहीं देखा है. उन पर एक भी दाग नहीं लगा है. मोदी के नेतृत्व में हमारा देश महाशक्ति बनकर जरूर उभरेगा.
- जनता के मन में एक टीस थी कि आतंकवाद पर ठोस कार्रवाई नहीं होती. मोदी जी के आने के बाद जनता को विश्वास हुआ कि अब एक नेता ऐसा आया है जो आतंकवादियों के घर में घुसकर कार्रवाई कर सकता है.
- जिस प्रकार से मोदी जी ने पांच साल शासन चलाया उसको देश की जनता ने स्वीकारा है. वो बताता है कि देश की जनता ने नरेन्द्र मोदी एक्सपेरिमेंट को मन से फिर एक बार स्वीकारा है.
- ये प्रचंड जनादेश जो हमें मिला है वो ऐतिहासिक जनादेश है. भाजपा के 303 सांसद चुनकर आना और एनडीए के 353 सांसद चुनकर आना जनता का अपार समर्थन है.