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JNU का नाम बदलकर मोदी नरेंद्र यूनिवर्सिटी रख देना चाहिए : हंसराज हंस - d be renamed as Modi Narendra University: Hansraj Hans

दिल्ली के जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय में ABVP ने एक कार्यक्रम का आयोजन किया, जिसमें बीजेपी सांसद हंसराज हंस ने JNU के नाम को बदलने की बात कही है. जानें क्या है पूरा मामला....

jNU में हुआ 'एक शाम शहीदों के नाम' कार्यक्रम के आयोजन में पहुंते मनोज तिवारी

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Published : Aug 18, 2019, 9:22 AM IST

Updated : Sep 27, 2019, 9:08 AM IST

नई दिल्ली: उत्तर-पश्चिम दिल्ली से बीजेपी सांसद हंसराज हंस ने जवाहरलाल नेहरू यूनिवर्सिटी का नाम बदलकर मोदी नरेंद्र यूनिवर्सिटी करने की मांग की है.

यह बात उन्होंने जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय में ABVP के द्वारा आयोजित 'एक शाम शहीदों के नाम' कार्यक्रम के दौरान कही. उन्होंने छात्रों को संबोधित करते हुए कहा कि हमारे पूर्वजों की ही गलती का नतीजा है कि आज भी जम्मू कश्मीर हमारे लिए परेशानी बना हुआ था लेकिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अनुच्छेद 370 को हटाकर कर परेशानी को खत्म कर दिया.

हंसराज हंस का बयान

शहीदों को दी गई श्रद्धांजलि
ABVP द्वारा आयोजित कार्यक्रम 'एक शाम शहीदों के नाम' में जहां एक ओर शहीदों की शहादत को श्रद्धांजलि दी गई तो वहीं दूसरी ओर कुछ राजनीतिक मुद्दे भी उठे.

इस दौरान बतौर अतिथि मौजूद भाजपा सांसद हंसराज हंस ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सराहना की और कहा कि यह उनकी कुशल कार्यशैली है. जिसके चलते देशवासियों को इस अनुच्छेद 370 से छुटकारा मिल सका है.

'विश्वविद्यालय का नाम बदलना चाहिए'
हंसराज हंस ने कहा कि जिस तरह से नरेंद्र मोदी ने परंपरागत बंधन के रूप में चले आ रहे अनुच्छेद 370 को हटाकर पूरे देश में खुशी की लहर दौड़ा दी है. ऐसे में इस विश्वविद्यालय का नाम बदल देना चाहिए. जिन पूर्वजों की गलती की सजा इतने सालों तक भारत ने भुगती, उनके नाम पर विश्वविद्यालय का नाम ना रखकर इसे मोदी नरेंद्र विश्वविद्यालय नाम दे देना चाहिए.

'बयान को राजनीति मुद्दा बनाने से साफ इंकार'
हालांकि, वहां मौजूद बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष और सांसद मनोज तिवारी से जब इस बारे में पूछा गया तो उन्होंने इस बयान को किसी भी तरह का राजनीतिक मुद्दा या विवाद बनाने से साफ इंकार किया.

उन्होंने कहा कि हंसराज हंस ने महज जोश में आकर यह बात कह दी थी. उन्होंने कहा कि चूंकि पंडित जवाहरलाल नेहरू द्वारा ही इस अनुच्छेद को लगाया गया था इसलिए इस तरह की बात स्वाभाविक ही निकल गई है. इसमें उनकी मंशा किसी भी तरह के विवाद को तूल देना नहीं था.

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वहीं इस कार्यक्रम में भोजपुरी कलाकार दिनेश लाल यादव निरहुआ एबीवीपी के सह संगठन मंत्री श्रीनिवास, डूसू अध्यक्ष शक्ति सिंह और जेएनयू के छात्र मौजूद रहे.

Last Updated : Sep 27, 2019, 9:08 AM IST

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