जयपुर : राजस्थान के राजसमंद जिले की सांसद दीया कुमारी ने कहा कि केंद्र सरकार सभी राज्यों को मदद के लिए पैकेज उपलब्ध करा रही है और ज्यादा से ज्यादा राहत देने की कोशिश की जा रही है. सभी सांसदों ने भी पीएम राहत कोष में दो साल का फंड दिया है. इससे पूरे देश में चल रही कोरोना महामारी से लड़ने में मदद मिलेगी. ईटीवी भारत से बातचीत में उन्होंने कहा, 'फिलहाल हम स्वास्थ्य को लेकर ज्यादा गंभीर हैं. अगले कुछ दिनों में हम ब्लॉक स्तर पर संक्रमित बीमारियों के लिए केंद्र खोलेंगे.'
दीया कुमारी ने कहा, 'राजस्थान सरकार को 1700 करोड़ केंद्र सरकार की तरफ से दिए गए हैं. इस राशि का सही तरीके से उपयोग होना चाहिए. इसका व्यौरा सभी सांसदों को भी मिलना चाहिए. कई बार पता ही नहीं चलता की इतनी बड़ी राशि जनता तक पहुंची या नहीं, मैं मुख्यमंत्री गहलोत से भी कहना चाहूंगी कि इस राशि के उपयोग का ब्यौरा समय-समय पर सांसदों को भी दिया जाना चाहिए.'
बिजली पानी के बिल से लोग परेशान
पिछले लंबे समय से राजस्थान में बीजेपी गहलोत सरकार से बिजली और पानी का बिल माफ करने की मांग कर रही है. सांसद दीया कुमारी खुद मामले को लेकर उर्जा मंत्री बीडी कल्ला से मुलाकात कर चुकी हैं. इस मामले को लेकर सांसद दीया कुमारी ने कहा कि राजस्थान सरकरार को जितनी राहत देनी चाहिए, वह उतना प्रयास ही नहीं कर रही है.
उन्होंने कहा कि कोरोना वायरस और लॉकडाउन की वजह से जनता परेशान है, लोगों के पास आर्थिक तंगी है. ऐसे में सरकार को बिजली-पानी का बिल माफ करना चाहिए, लेकिन प्रदेश सरकार ऐसा नहीं कर रही है.
बिजली भुगतान में 2 प्रतिशत की पेनाल्टी चिंताजनक
दीया कुमारी ने कहा कि सबसे गंभीर बात तो यह है कि अब यह भी नियम लागू कर दिया गया है कि अगर 30 मई तक बिल नहीं जमा किए जाएंगे तो 2 प्रतिशत की पेनाल्टी भी देनी होगी. सांसद ने कहा कि केंद्र सरकार कोई कसर नहीं छोड़ रही. इस कोरोना संकट काल में हर संभव मदद कर रही है. ऐसे में राज्य सरकार को भी साथ मिलकर लड़ना चाहिए. यह वक्त राजनीति का नहीं है. प्रदेश सरकार को राजनीति नहीं करनी चाहिए. सभी को साथ मिलकर काम करना चाहिए.
मजदूरों को कैसे मिलेगा रोजगार?
लॉकडाउन के दौरान दूसरे राज्यों से आने वाले श्रमिकों को रोजगार कैसे दिया जाएगा. क्या बंदोबस्त किए गए हैं, जिससे वे अपनी आजीविका चला सकें, अपना परिवार पाल सकें. इस सवाल पर दीया कुमारी ने कहा कि मजदूरों को ज्यादा से ज्यादा रोजगार मिल सके, इसके लिए केंद्र सरकार ने मनरेगा से श्रमिकों को जोड़ने के निर्देश दिए हैं. साथ ही काम करने के दिनों को भी बढ़ाया गया है.