बलिया/लखनऊ: उत्तर प्रदेश के बलिया जिले में हुए गोलीकांड के आठ में से एक आरोपी को गिरफ्तार कर लिया गया है. वाराणसी जोन के एडीजी ब्रज भूषण ने बताया कि एफआईआर में नामजद आठ लोगों में से पांच आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है. किसी भी आरोपी को बख्शा नहीं जाएगा और कड़ी कार्रवाई की जाएगी. उन्होंने बताया कि सभी पुलिस कर्मी जो यहां तैनात किए गए थे, उन्हें निलंबित कर दिया गया है. वहीं बैरिया के विधायक सुरेन्द्र सिंह मुख्य आरोपी धीरेंद्र के बचाव में उतर आए हैं. उन्होंने कहा कि धीरेंद्र ने आत्मरक्षा में गोली चलाई है. उन्होंने पुलिसिया जांच पर सवालिया निशान लगाते हुए इसकी सीबी सीआईडी से जांच कराने की मांग की है. उन्होंने शुक्रवार को यहां कहा कि रेवती कांड के मामले में पुलिस एक पक्षीय कार्रवाई कर रही है.
क्या है मामला
उत्तर प्रदेश के बलिया जिले के रेवती क्षेत्र में गुरुवार को सरकारी सस्ते गल्ले की दुकान के चयन को लेकर बुलायी गई बैठक के दौरान गोली चलने से एक व्यक्ति की मौत हो गई. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने घटना पर कड़ी कार्रवाई करते हुए उपजिलाधिकारी और मौके पर मौजूद पुलिसकर्मियों को निलंबित कर दिया है.
बलिया के पुलिस अधीक्षक देवेंद्र नाथ ने बताया कि रेवती थाना क्षेत्र के दुर्जनपुर गांव में सरकारी सस्ते गल्ले की दुकान के चयन को लेकर पंचायत भवन पर बैठक हो रही थी. उन्होंने बताया कि इस चयन के लिये दो स्वयं सहायता समूहों से जुड़े लोग मौजूद थे. चयन के दौरान दोनों समूहों से जुड़े लोगों में कहासुनी हो गई.
पुलिस अधिकारी ने बताया कि इस बहस-मुबाहिसे के बाद बैठक में मौजूद उप जिलाधिकारी ने चयन स्थगित कर दिया. उन्होंने बताया कि इसी बीच एक समूह के धीरेंद्र प्रजापति ने गोली चला दी, जिसमें जय प्रकाश उर्फ गामा पाल (46) की मौत हो गई. घटना के बाद वहां भगदड़ मच गई. हत्यारोपी धीरेंद्र भाजपा का पदाधिकारी है.
विधायक ने घटना को बताया कैजुअल्टी
बैरिया क्षेत्र से पार्टी के विधायक सुरेन्द्र सिंह ने इसकी पुष्टि करते हुए बताया कि धीरेन्द्र भाजपा सैनिक प्रकोष्ठ का जिलाध्यक्ष है. सिंह ने घटना को 'कैजुअल्टी' करार देते हुए कहा कि ऐसी वारदात कहीं भी हो सकती है. उन्होंने बताया कि घटना में दोनों तरफ से पथराव हुआ था और मामले में कानून अपना काम करेगा. सिंह ने आगे कहा कि अगर धीरेंद्र सिंह आत्मरक्षा में गोली नहीं चलाता तो उसके परिवार के दर्जनों लोगों को मार दिया गया होता.
एक्शन में योगी सरकार
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस वारदात को गंभीरता से लेते हुए सम्बन्धित उपजिलाधिकारी सुरेश चंद्र पाल, पुलिस क्षेत्राधिकारी चंद्रकेश सिंह और मौके पर मौजूद सभी पुलिसकर्मियों को निलम्बित करने और घटना के दोषियों के खिलाफ 'कठोरतम' कार्रवाई के आदेश दिये हैं. योगी ने कहा कि इस मामले में अधिकारियों की भूमिका की भी जांच होगी और अगर वे जिम्मेदार पाये गये तो उनके खिलाफ भी आपराधिक कार्रवाई की जाएगी.