नई दिल्ली: संसद में बजट सत्र के दौरान प्रश्नकाल में राज्यसभा सदस्य और प्रदेश बीजेपी के पूर्व अध्यक्ष विजय गोयल ने मांग की है कि डेल्ही (Delhi) शब्द की स्पेलिंग बदलकर उसे दिल्ली (Dilli) कर दिया जाए.
राजा दिल्लू से मिला दिल्ली
विजय गोयल ने कहा कि किस महत्व की वजह से राजधानी का नाम दिल्ली पड़ा, वो तो निश्चित रूप से नहीं कहा जा सकता. लेकिन लोकप्रिय धारणाएं बताती हैं कि दिल्ली का नाम मौर्य राजवंश के शासक राजा दिल्लू से मिला है, जिन्होंने पहली शताब्दी ईसा पूर्व में शहर का नाम खुद के नाम पर रख दिया था.
दिल्ली के नाम को लेकर भ्रमित हैं
कुछ इतिहासकारों का मानना है कि दिल्ली का नाम दहलीज शब्द से मिला क्योंकि दिल्ली को एक तरह से सिंधु, गंगा के मैदानों में प्रवेश द्वार के रूप में देखा जाता है.
गोयल ने कहा कि राजधानी के नाम में शहर की सांस्कृतिक और ऐतिहासिक विरासत की झलक होनी चाहिए और डेल्ही शब्द में ऐसा कुछ भी नहीं है.
कई लोग वैसे भी दिल्ली के नाम को लेकर भ्रमित हैं क्योंकि कुछ लोग इसे डेल्ही कहते हैं तो कुछ दिल्ली कहते हैं.
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पहले भी हो चुकी है नाम बदलने की मांग
उन्होंने कहा कि राजधानी का नाम इंद्रप्रस्थ, हस्तिनापुर रखे जाने की मांग पहले भी उठाई जा चुकी है. लेकिन इस समय वो नहीं कह रहे हैं कि ऐसा हो लेकिन तब तक कम से कम राजधानी का नाम तो सुधार लिया जाए.
गोयल ने ये भी कहा कि ये पहली बार नहीं है कि अपनी सांस्कृतिक विरासत और ऐतिहासिक विरासत को प्रतिबिंबित करने के लिए किसी शहर या स्थान का नाम बदला गया है.
कई शहरों के नाम बदल चुके हैं
स्वतंत्रता के बाद कई नामचीन शहरों के नामों को कानून पास कर बदला गया है. जैसे कोचीन का नाम बदलकर कोच्चि रखा गया. गोहाटी का नाम बदलकर गुवाहाटी रखा गया. बॉम्बे को मुंबई में बदल दिया गया. इंदूर को इंदौर परिवर्तित हुआ.
आपको बता दें कि पुने को पुणे में बदल गया. बनारस वाराणसी बन गया. ठीक उसी तरह कलकत्ता कोलकाता बन गया. ठीक इसी तरह कई शहरों के नामों की स्पेलिंग भी सही की गई. जैसे kawnpore बना kanpur, Monghyr बना munger और Orissa को odisha किया गया.
गोयल ने कहा कि दिल्ली का नाम बदलने पर वो अन्य राजनीतिक दलों से भी चर्चा करेंगे और बाद में इस संबंध में एक प्रस्ताव गृह मंत्रालय को भेजेंगे.