नई दिल्ली :राजस्थान में सिर्फ कांग्रेस पार्टी के अंदर ही कलह नहीं चल रही बल्कि भाजपा की राज्य इकाई में भी अंदरूनी कलह कुछ कम नहीं है. एक तरफ राजस्थान में भाजपा की सरकार बनाने की असफल कोशिश हुई. वहीं दूसरी तरफ पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे की चुप्पी जगजाहिर है. शायद यही कारण है कि राज्य की कार्यकारिणी में वसुंधरा के ज्यादातर विश्वासपात्रों के नाम केंद्रीय नेतृत्व द्वारा हटा दिए गए हैं.
सूत्रों की मानें तो वसुंधरा राजे पार्टी के आलाकमान से और केंद्रीय नेताओं से नाराज हैं, क्योंकि राजस्थान में हुई राजनीति नौटंकी के बाद भाजपा नेतृत्व की तरफ से जो राज्य की कार्यकारिणी तैयार की गई है, उसमें से ज्यादातर वसुंधरा के विश्वासपात्रों के नाम काट दिए गए हैं.
राज्य में अशोक गहलोत और सचिन पायलट एपिसोड के समय अगर वसुंधरा राजे की भूमिका देखी जाए तो वह पूरी तरह से शून्य दिखीं.
सूत्रों के अनुसार, प्रदेश की कार्यकारिणी में वसुंधरा से ज्यादा सतीश पूनिया के करीबियों को जगह दी गई है. इसके अलावा आरएसएस के बैकग्राउंड वाले नेताओं को जगह दी गई है. इतना ही नहीं, इनमें ऐसे लोगों के भी नाम शामिल हैं, जिन्हें वसुंधरा बिल्कुल भी पसंद नहीं करतीं.