नई दिल्ली : भाजपा के कार्यकारी अध्यक्ष जेपी नड्डा जल्द ही भाजपा अध्यक्ष की बागडोर संभाल सकते हैं. अंदाजा लगाया जा रहा है संगठनात्मक प्रक्रिया होने के बाद लोकतांत्रिक प्रक्रिया से ही अध्यक्ष का चुनाव कराया जाएगा, हालांकि यह तय माना जा रहा है कि अध्यक्ष के पद के लिए कोई और प्रतिनिधि चुनाव नहीं लड़ेगा और इस वजह से भाजपा जेपी नड्डा को अपने नए अध्यक्ष के रूप में जल्द ही कमान दे सकती है.
इसे लेकर भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता शाहनवाज हुसैन ने ईटीवी भारत से खास बातचीत की. उन्होंने भाजपा अध्यक्ष चुनने की प्रक्रिया के बारे में बताया. उन्होंने जानकारी दी किपार्टी अध्यक्ष के लिए पार्टी संविधान के मुताबिक 50% राज्यों के संगठनात्मक चुनाव हो जाने के बाद चुनाव कराया जा सकता है और बीजेपी में फिलहाल 50% से ऊपर राज्यों के संगठनात्मक चुनाव पूरे हो चुके हैं. जनवरी के दूसरे सप्ताह तक 50% से अधिक राज्यों के संगठनात्मक चुनाव की प्रक्रिया पूरी कर ली गई थी.
पार्टी के वरिष्ठ सूत्रों के मुताबिक पार्टी के वर्तमान अध्यक्ष का कार्यकाल पूरा होने के तुरंत बाद ही पार्टी का अध्यक्ष चुनना होता है और इस हफ्ते वर्तमान अध्यक्ष अमित शाह का कार्यकाल पूरा हो जाएगा.
शाहनवाज हुसैन ने बताई राष्ट्रीय अध्यक्ष चुने जाने की प्रक्रिया गौरतलब है कि राष्ट्रीय स्तर के संगठनात्मक चुनाव की प्रक्रिया 19 या 20 जनवरी को की जा सकती है लेकिन अगर एक उम्मीदवार से ज्यादा उम्मीदवारों ने नामांकन किया हो तो फिर लोकतांत्रिक प्रक्रिया से इसके चुनाव कराए जाते हैं.
वर्तमान अध्यक्ष का कार्यकाल खत्म होने के बाद भी पार्टी नए अध्यक्ष और उनके पदाधिकारियों के चुने जाने तक पार्टी का अध्यक्ष बने रहने का प्रस्ताव दे सकती है.
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वहीं पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष के चुनाव की प्रक्रिया पूरी होने के बाद इससे राष्ट्रीय परिषद में रेटिफिकेशन के लिए पारित कराया जाना जरूरी होता है और यही वजह है कि फरवरी माह में भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय परिषद की बैठक से पहले यह चुनाव कराया जाना लगभग तय माना जा रहा है.
जानकारी देती ईटीवी भारत संवाददाता ऐसे बनते हैं राष्ट्रीय अध्यक्ष
बीजेपी के संविधान में धारा 19 के तहत राष्ट्रीय अध्यक्ष के चुनाव की खास व्यवस्था है. चुनाव एक निर्वाचक मंडल की ओर से होगा. जिसमें राष्ट्रीय परिषद और प्रदेश परिषदों के वर्णित सदस्य होंगे. चुनाव राष्ट्रीय कार्यकारिणी से निर्धारित नियमों के अनुसार होगा.
राष्ट्रीय अध्यक्ष वही होगा, जो कम से कम चार अवधियों तक सक्रिय सदस्य रहने के साथ न्यूनतम 15 वर्ष तक पार्टी का प्राथमिक सदस्य रहा हो. निर्वाचक मंडल में से कुल 20 सदस्य राष्ट्रीय अध्यक्ष पद के चुनाव की योग्यता रखने वाले व्यक्ति के नाम का प्रस्ताव रखेंगे. शर्त यह है कि यह संयुक्त प्रस्ताव कम से कम पांच प्रदेशों से भी आना जरूरी है. जहां राष्ट्रीय परिषद के चुनाव खत्म हो चुके हों.