नई दिल्ली : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने असम के पूर्ववर्ती अहोम साम्राज्य के जनरल लाचित बोड़फुकन को उनकी जयंती पर याद किया. प्रधानमंत्री ने ट्वीट कर कहा कि लाचित दिवस के विशेष अवसर पर, हम वीर लाचित बोड़फुकन को नमन करते हैं. वह एक उत्कृष्ट नेता और रणनीतिकार थे, जिन्होंने असम की अनूठी संस्कृति की रक्षा में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई. उन्होंने गरीबों को सशक्त बनाने की दिशा में भी बड़े पैमाने पर काम किया.
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने असम के पूर्ववर्ती अहोम साम्राज्य के जनरल लाचित बोड़फुकन को मंगलवार को उनकी जंयती पर श्रद्धांजलि दी.
शाह ने ट्वीट किया कि वीर लाचित बोड़फुकन को उनकी जयंती पर मेरी श्रद्धांजलि. मैं अपने युवाओं से अहोम सेना के इस महान जनरल के बारे में जानने की अपील करता हूं, जिन्होंने सरायघाट की लड़ाई में मातृभूमि की रक्षा के लिए आक्रमणकारियों को खदेड़ा. उनकी बहादुरी से आने वाली पीढ़ियों को प्रेरणा मिलती रहेगी.
बोड़फुकन पूर्ववर्ती अहोम साम्राज्य में एक सेनापति थे और सरायघाट के 1671 के युद्ध में उनके नेतृत्व के लिए उन्हें पहचाना जाता है, जिसमें मुगल सेना द्वारा असम पर कब्जा करने का प्रयास विफल कर दिया था. सरायघाट का युद्ध गुवाहाटी में ब्रह्मपुत्र नदी के तटों पर लड़ा गया था.
मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने भी जनरल लाचित बोड़फुकन को श्रद्धांजलि दी. उन्होंने ट्वीट किया कि मुगलों की सेना के लिए काल बनने वाले, अहोम साम्राज्य के महान सेनापति, असम के गौरव, वीर लाचित बोड़फुकन की जयंती 'लाचित दिवस' पर कोटिश: नमन! भारत की भावी पीढ़ियां आपके दिखाए मार्ग पर चलते हुए राष्ट्र सेवा और उन्नति में हरसंभव योगदान देने के लिए प्रेरित होंगी.
भाजपा अध्यक्ष ने भी किया नमन
भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा ने ट्वीट कर जनरल लाचित बोड़फुकन को नमन किया. उन्होंने लिखा कि वीर लाचित बोड़फुकन अहोम सेना के जनरल थे, जिनकी अद्वितीय वीरता और बहादुरी न केवल असम के लिए, बल्कि पूरे भारत के लिए एक प्रेरणा है. उन्होंने असम संस्कृति की रक्षा में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई. मैं उनकी जयंती पर शूरवीर जनरल बोड़फुकन को श्रद्धांजलि अर्पित करता हूं.
जनरल लाचित बोड़फुकन आहोम साम्राज्य के सेनापति थे, उनका जन्म 24 नवंबर, 1622 को असम के चराइडो के सेंग-लॉन्ग मोंग में हुआ था.