नई दिल्ली : देश आज शहीद-ए-आजम भगत सिंह का जन्मदिन मना रहा है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 28 सितंबर को शहीद वीर भगत सिंह की जयंती मनाए जाने की बात कही. इस अवसर पर केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह सहित अन्य राजनेताओं ने भगत सिंह के जन्मदिन पर उन्हें श्रद्धांजलि दी. पीएम ने ट्वीट कर भगत सिंह को श्रद्धांजलि दी.
अपनी सोच और मजबूत इरादों से अंग्रेजी हुकूमत को हिला देने वाले इस नौजवान क्रांतिकारी को आज पूरा देश याद कर रहा है. केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने भी ट्वीट कर सोमवार सुबह ही भगत सिंह को श्रद्धांजलि दी.
भगत सिंह का जन्म आज ही के दिन 1907 में हुआ था. बेहद कम उम्र से ब्रिटिश शासन के खिलाफ आवाज उठाने, साम्राज्य को निशाना बनाने के उनके क्रांतिकारी कदमों और महज 23 वर्ष की उम्र में फांसी दिए जाने से, वह भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन के उल्लेखनीय नायकों में से एक बन गए.
मोदी ने भगत सिंह की जयंती पर उन्हें किया याद
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने सोमवार को क्रांतिकारी स्वतंत्रता सेनानी भगत सिंह की जयंती पर उन्हें श्रद्धांजलि देते हुए कहा कि वीरता एवं पराक्रम की उनकी गाथा देशवासियों को युगों-युगों तक प्रेरित करती रहेगी.
प्रधानमंत्री ने ट्वीट किया, मां भारती के वीर सपूत अमर शहीद भगत सिंह की जयंती पर उन्हें कोटि-कोटि नमन. वीरता और पराक्रम की उनकी गाथा देशवासियों को युगों-युगों तक प्रेरित करती रहेगी.
मोदी ने ट्वीट के साथ रविवार को प्रसारित अपने ‘मन की बात’ संबोधन की एक क्लिप भी साझा की, जिसमें उन्होंने सिंह को श्रद्धांजलि दी थी.
अमित शाह ने ट्वीट किया, अपने परिवर्तनकारी विचारों व अद्वितीय त्याग से स्वतंत्रता संग्राम को नई दिशा देने वाले और देश के युवाओं में स्वाधीनता के संकल्प को जागृत करने वाले शहीद भगत सिंह जी के चरणों में कोटि-कोटि वंदन.
भगत सिंह जी युगों-युगों तक हम सभी देशवासियों के प्रेरणा के अक्षुण स्त्रोत रहेंगे.
अमित शाह के अलावा कई अन्य बड़े नेताओं, राजनीतिक दलों ने भगत सिंह को याद किया.
भगत सिंह जयंती पर पढ़ें उनके कुछ क्रांतिकारी विचार
- बहरों को सुनाने के लिए धमाके की जरूरत होती है.
- बम और पिस्तौल से क्रांति नहीं आती, क्रांति की तलवार विचारों की सान पर तेज होती है.
- प्रेमी पागल और कवि एक ही चीज से बने होते हैं और देशभक्तों को अक्सर लोग पागल कहते हैं.
- जिंदगी तो सिर्फ अपने कंधों पर जी जाती है, दूसरों के कंधों पर तो सिर्फ जनाजे उठाए जाते हैं.
- व्यक्तियों को कुचलकर भी आप उनके विचार नहीं मार सकते हैं.
- वे मुझे कत्ल कर सकते हैं, मेरे विचारों को नहीं. वे मेरे शरीर को कुचल सकते हैं, मेरे जज्बे को नहीं