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भगत सिंह की जयंती आज, पीएम ने ट्वीट कर दी श्रद्धांजलि

भगत सिंह वह नाम है जिनकी सोच और बुलंद इरादों ने अंग्रेजी हुकूमत को हिला दिया था. आज पूरा देश शहीद-ए-आजम को उनके जन्मदिन पर याद कर रहा है. उन्होंने कहा था बम और पिस्तौल से क्रांति नहीं आती. क्रांति की तलवार विचारों की सान पर तेज होती है. आज उनका जन्मदिन है.

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Published : Sep 28, 2020, 8:27 AM IST

Updated : Sep 28, 2020, 11:05 AM IST

नई दिल्ली : देश आज शहीद-ए-आजम भगत सिंह का जन्मदिन मना रहा है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 28 सितंबर को शहीद वीर भगत सिंह की जयंती मनाए जाने की बात कही. इस अवसर पर केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह सहित अन्य राजनेताओं ने भगत सिंह के जन्मदिन पर उन्हें श्रद्धांजलि दी. पीएम ने ट्वीट कर भगत सिंह को श्रद्धांजलि दी.

अपनी सोच और मजबूत इरादों से अंग्रेजी हुकूमत को हिला देने वाले इस नौजवान क्रांतिकारी को आज पूरा देश याद कर रहा है. केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने भी ट्वीट कर सोमवार सुबह ही भगत सिंह को श्रद्धांजलि दी.

भगत सिंह का जन्म आज ही के दिन 1907 में हुआ था. बेहद कम उम्र से ब्रिटिश शासन के खिलाफ आवाज उठाने, साम्राज्य को निशाना बनाने के उनके क्रांतिकारी कदमों और महज 23 वर्ष की उम्र में फांसी दिए जाने से, वह भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन के उल्लेखनीय नायकों में से एक बन गए.

मोदी ने भगत सिंह की जयंती पर उन्हें किया याद

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने सोमवार को क्रांतिकारी स्वतंत्रता सेनानी भगत सिंह की जयंती पर उन्हें श्रद्धांजलि देते हुए कहा कि वीरता एवं पराक्रम की उनकी गाथा देशवासियों को युगों-युगों तक प्रेरित करती रहेगी.

प्रधानमंत्री ने ट्वीट किया, मां भारती के वीर सपूत अमर शहीद भगत सिंह की जयंती पर उन्हें कोटि-कोटि नमन. वीरता और पराक्रम की उनकी गाथा देशवासियों को युगों-युगों तक प्रेरित करती रहेगी.

मोदी ने ट्वीट के साथ रविवार को प्रसारित अपने ‘मन की बात’ संबोधन की एक क्लिप भी साझा की, जिसमें उन्होंने सिंह को श्रद्धांजलि दी थी.

अमित शाह ने ट्वीट किया, अपने परिवर्तनकारी विचारों व अद्वितीय त्याग से स्वतंत्रता संग्राम को नई दिशा देने वाले और देश के युवाओं में स्वाधीनता के संकल्प को जागृत करने वाले शहीद भगत सिंह जी के चरणों में कोटि-कोटि वंदन.

भगत सिंह जी युगों-युगों तक हम सभी देशवासियों के प्रेरणा के अक्षुण स्त्रोत रहेंगे.

अमित शाह के अलावा कई अन्य बड़े नेताओं, राजनीतिक दलों ने भगत सिंह को याद किया.

भगत सिंह जयंती पर पढ़ें उनके कुछ क्रांतिकारी विचार

  • बहरों को सुनाने के लिए धमाके की जरूरत होती है.
  • बम और पिस्तौल से क्रांति नहीं आती, क्रांति की तलवार विचारों की सान पर तेज होती है.
  • प्रेमी पागल और कवि एक ही चीज से बने होते हैं और देशभक्तों को अक्सर लोग पागल कहते हैं.
  • जिंदगी तो सिर्फ अपने कंधों पर जी जाती है, दूसरों के कंधों पर तो सिर्फ जनाजे उठाए जाते हैं.
  • व्यक्तियों को कुचलकर भी आप उनके विचार नहीं मार सकते हैं.
  • वे मुझे कत्ल कर सकते हैं, मेरे विचारों को नहीं. वे मेरे शरीर को कुचल सकते हैं, मेरे जज्बे को नहीं

'मन की बात' में पीएम मोदी ने कही बड़ी बात

बता दें कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को अपने चर्चित रेडियो कार्यक्रम 'मन की बात' के दौरान शहीद वीर भगत सिंह की जयंती पर भी चर्चा की थी.

भगत सिंह कैसे बन सकते हैं

इस दौरान प्रधानमंत्री मोदी ने नमो ऐप पर हैदराबाद के अजय कुमार के किए सवाल का भी जवाब दिया, जिसमें उन्होने पूछा था कि आज के युवा कैसे भगत सिंह बन सकते हैं? इस सवाल का जवाब देते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, देखिए, हम भगत सिंह बन पाएं या न बन पाएं, लेकिन भगत सिंह जैसा देश प्रेम, देश के लिए कुछ कर-गुजरने का जज्बा, जरूर, हम सबके दिलों में हो। शहीद भगत सिंह को यही हमारी सबसे बड़ी श्रद्धांजलि होगी.

28 सितंबर एक महान दिवस

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, कल, 28 सितंबर को हम शहीद वीर भगत सिंह की जयंती मनाएंगे. क्या आप कल्पना कर सकते हैं, एक हुकूमत, जिसका दुनिया के इतने बड़े हिस्से पर शासन था, इसके बार में कहा जाता था कि उनके शासन में सूर्य कभी अस्त नहीं होता। इतनी ताकतवर हुकूमत, एक 23 साल के युवक से भयभीत हो गई थी.

पीएम ने इस तरह भगत सिंह को किया याद

सन 1919 का साल था. अंग्रेजी हुकूमत ने जलियांवाला बाग में कत्लेआम किया था. इस नरसंहार के बाद एक 12 साल का लड़का उस घटनास्थल पर गया. वह स्तब्ध था, यह सोचकर कि कोई भी इतना निर्दयी कैसे हो सकता है? वह मासूम गुस्से की आग में जलने लगा था. उसी जलियांवाला बाग में उसने अंग्रेजी शासन के खिलाफ लड़ने की कसम खाई। वह मासूम कोई और नहीं शहीद वीर भगत सिंह थे.

शहीद भगत सिंह पराक्रमी होने के साथ-साथ विद्वान भी थे, चिंतक भी थे. अपने जीवन की चिंता किए बगैर भगत सिंह और उनके क्रांतिवीर साथियों ने ऐसे साहसिक कार्यों को अंजाम दिया, जिनका देश की आजादी में बहुत बड़ा योगदान रहा.

शहीद वीर भगत सिंह के जीवन का एक और खूबसूरत पहलू यह है कि वे टीम वर्क के महत्व को बखूबी समझते थे. लाला लाजपत राय के प्रति उनका समर्पण हो या फिर चंद्रशेखर आजाद, सुखदेव, राजगुरु समेत क्रांतिकारियों के साथ उनका जुड़ाव, उनके लिए कभी व्यक्तिगत गौरव, महत्वपूर्ण नहीं रहा.

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, वे जब तक जिए, सिर्फ एक मिशन के लिए जिए और उसी के लिए उन्होंने अपना बलिदान कर दिया. वह मिशन था भारत को अन्याय और अंग्रेजी शासन से मुक्ति दिलाना.

Last Updated : Sep 28, 2020, 11:05 AM IST

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