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72 दिनों के लॉकडाउन के बाद खुले बायोलॉजिकल पार्क, सफारी और चिड़ियाघर - safari open after 72 days

लॉकडाउन के कारण 72 दिनों से बंद प्रदेश भर के बायोलॉजिकल पार्क, सफारी और चिड़ियाघर सरकार के आदेश के बाद 1 जून से खोल दिए गए हैं. पर्यटकों के प्रवेश करने से पहले उनकी थर्मल स्क्रीनिंग की जाएगी. इसके साथ ही सभी जगहों पर प्रवेश द्वार पर ही थर्मल स्क्रीनिंग और सैनिटाइज की व्यवस्था की गई है.

Biological Park and Zoo open in Rajasthan after 72 days
बायोलॉजिकल पार्क, सफारी और चिड़ियाघर खुलने बाद हुआ सैनिटाइजेशन

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Published : Jun 1, 2020, 10:51 PM IST

जयपुर: कोविड-19 संक्रमण के चलते 18 मार्च को प्रदेश के सभी बायोलॉजिकल पार्क, सफारी और चिड़ियाघर बंद कर दिए गए थे. ढाई महीने लॉकडाउन रहने के बाद अब इन्हें पर्यटकों के लिए खोल दिया गया है. प्रदेश भर के सभी बायोलॉजिकल पार्क चिड़ियाघर और सफारी सोमवार से खोले दिए गए हैं. रणथंभौर और सरिस्का समेत तमाम टाइगर रिजर्व को फिलहाल नहीं खोला गया है. जयपुर में नाहरगढ़ लॉयन सफारी, झालाना लेपर्ड सफारी, हाथी गांव और नाहरगढ़ बायोलॉजिकल पार्क समेत चिड़ियाघर को पर्यटकों के लिए खोल दिया गया है.

72 दिनों के लॉकडाउन के बाद खुले बायोलॉजिकल पार्क, सफारी और चिड़ियाघर

पहले दिन सोमवार को किसी भी जगह पर पर्यटकों की आवाजाही नजर नहीं आई. राजधानी जयपुर में नाहरगढ़ बायोलॉजिकल पार्क, लॉयन सफारी, लेपर्ड सफारी और जयपुर जू में सभी जगह पर सैनिटाइज किया गया है. प्रवेश द्वार पर थर्मल स्क्रीनिंग और सैनिटाइज की व्यवस्था की गई है. पर्यटकों के प्रवेश करने से पहले उनकी थर्मल स्क्रीनिंग की जाएगी. इसके साथ ही सैनिटाइज करने के बाद ही उन्हें प्रवेश दिया जाएगा.

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एसीएफ जगदीश गुप्ता ने बताया कि 1 जून से बायोलॉजिकल पार्क, सफारी और चिड़ियाघर पर्यटकों के लिए खोले गए हैं. साथ ही पर्यटकों और स्टाफ कर्मियों के लिए दिशा-निर्देश भी जारी किए गए हैं. बायोलॉजिकल पार्क में सभी जगह सैनिटाइज करवाया गया है. पर्यटकों को प्रवेश द्वार पर ही सैनिटाइज किया जाएगा और थर्मल स्क्रीनिंग करने के बाद ही प्रवेश दिया जाएगा.

उन्होंने बताया कि पर्यटकों से अपील की जा रही है कि वे ऑनलाइन टिकट बुकिंग सुविधा का लाभ उठाएं. जिससे पर्यटकों को टिकट विंडो पर लाइन लगाने की आवश्यकता नहीं पड़ेगी. पर्यटकों के लिए सैनिटाइजर और थर्मल स्क्रीनिंग की व्यवस्था की गई है. सभी पर्यटकों के लिए मास्क लगाना अनिवार्य है.

सोडियम हाइपोक्लोराइट का किया जा रहा छिड़काव

पर्यटन स्थलों में सोडियम हाइपोक्लोराइट का भी छिड़काव किया जा रहा है, ताकि संक्रमण का खतरा ना हो. पर्यटकों के लिए सुरक्षा व्यवस्था के पुख्ता इंतजाम किए गए हैं. यहां सरकार के आदेशों का पूरी तरह से पालना कराया जा रहा है. लॉयन सफारी और लेपर्ड सफारी में भी इसी गाइडलाइन का पालन कराया जा रहा है. सफारी करते समय सोशल डिस्टेंसिंग का भी ध्यान रखा जाएगा. सफारी के लिए चलाए जा रहे कैंटर और जिप्सी को भी सैनिटाइज किया जाएगा. साथ ही चालक और सैलानियों को भी सैनिटाइज किया जाएगा.

पर्यटकों को फॉलो करनी होगी गाइडलाइन

केंद्र सरकार की ओर से जारी एसओपी के मुताबिक पर्यटक एक सख्त गाइडलाइन को फॉलो करते हुए प्रवेश कर सकेंगे. बायोलॉजिकल पार्क, चिड़ियाघर और सफारी में टिकट दर में कोई बदलाव नहीं किया गया है. पर्यटक अधिकतम 4 घंटे ही अंदर भ्रमण कर सकते हैं. इसके लिए भी मास्क लगाना अनिवार्य रहेगा और दस्ताने पहनने होंगे. साथ ही वन विभाग की ओर से एक ट्रैकिंग रजिस्टर भी मेंटेन किया जाएगा, जिसमें सफारी संचालक, गाइड और पर्यटकों की तमाम डिटेल होगी.

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पर्यटकों के लिए टिकट शुल्क पहले की तरह ही रखा गया है. ढाई महीने बाद जंगलात में होने वाली गतिविधियां शुरू होने से पर्यटन क्षेत्र को मजबूती मिलेगी. जंगलात खुलने से तमाम स्टेक होल्डर्स में खुशी की लहर दौड़ गई है. बहुत सारे जिप्सी संचालक, गाइड और होकर वेंडर अपनी रोजी-रोटी के लिए संघर्ष कर रहे थे. ऐसे में जंगलात से जुड़ी टूरिज्म इंडस्ट्री में एक बार फिर से बूम आने की उम्मीद की जा रही है.

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