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सांसद आजम खां को बड़ा झटका, जौहर ट्रस्ट की 1400 बीघा जमीन अब सरकारी - azam khan land government

उत्तर प्रदेश के रामपुर से सपा के सांसद मोहम्मद आजम खां को एडीएम प्रशासन की कोर्ट से बड़ा झटका लगा है. कोर्ट ने जौहर यूनिवर्सिटी की 14 सौ बीघा जमीन सरकार के नाम दर्ज करने का आदेश जारी कर दिया है.

जौहर यूनिवर्सिटी
जौहर यूनिवर्सिटी

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Published : Jan 16, 2021, 8:20 PM IST

रामपुर : उत्तर प्रदेश के रामपुर जिले में स्थित जौहर यूनिवर्सिटी की 14 सौ बीघा जमीन सरकार के नाम दर्ज करने का आदेश जारी कर दिया गया है. मोहम्मद अली जौहर यूनिवर्सिटी के नाम साढ़े 12 एकड़ से अधिक जितनी भूमि है, उसे राज्य सरकार की संपत्ति घोषित किए जाने का आदेश दिया गया है. रामपुर एडीएम प्रशासन के राजस्व न्यायालय में यह फैसला सुनाया गया. इन आदेशों के बाद अब एसडीएम सदर रामपुर को उपरोक्त भूमि पर कब्जा प्राप्त करने और राजस्व अभिलेखों में राज्य सरकार के नाम दर्ज करने की कार्रवाई की जानी है.

जौहर यूनिवर्सिटी ट्रस्ट के नाम जमीन
रामपुर सदर तहसील में मोहम्मद अली जौहर यूनिवर्सिटी ट्रस्ट के नाम उसके अध्यक्ष समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता और रामपुर के सांसद मोहम्मद आजम खां ने जमीनें खरीद कर उस पर यूनिवर्सिटी बनाई थी. जिसके लिए शासन से साढ़े 12 एकड़ से अधिक भूमि रखने की अनुमति लेने के बाद जौहर यूनिवर्सिटी ट्रस्ट के नाम जमीनें खरीदी गई थी. प्रदेश में सत्ता बदलने के बाद भारतीय जनता पार्टी की सरकार आते ही जौहर यूनिवर्सिटी के खिलाफ कार्रवाइयों की झड़ी लग गई.

एडीएम प्रशासन की कोर्ट ने सुनाया फैसला
ताजा तरीन कार्रवाई के तहत एडीएम प्रशासन रामपुर के राजस्व न्यायालय ने एक फैसला सुनाते हुए यह माना है कि मोहम्मद अली जौहर ट्रस्ट को शासन से साढ़े 12 एकड़ से अधिक भूमि खरीदने की अनुमति जिन शर्तों के अधीन दी गई थी, उनका पालन नहीं किया गया. इसलिए शर्तों का उल्लंघन मानते हुए मोहम्मद अली जौहर ट्रस्ट के नाम दर्ज भूमि में साढ़े 12 एकड़ भूमि छोड़कर बाकी 70 हेक्टेयर भूमि जो कि लगभग 14 सौ बीघा होती है, राज्य सरकार के नाम राजस्व अभिलेखों में दर्ज किए जाने के आदेश दिए हैं.

आजम को बड़ा झटका
ये मोहम्मद आजम खां के लिए एक बड़ा झटका माना जा रहा है. यह फैसला ऐसे समय आया है, जब आजम खां अपने विधायक पुत्र अब्दुल्लाह आजम खां के साथ पिछले 11 महीने से सीतापुर जेल में बंद हैं. उन पर सत्ता परिवर्तन के बाद सौ से अधिक मामले दर्ज हो चुके हैं. जिनमें अधिकतर में जमानत भी मिल गई है. लेकिन अभी जेल से रिहाई आसान नहीं है.

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