नालन्दा: भूटान की महारानी आशी दोरजी वांग्मो वांगचुकअपनी बेटी और नाती के संग 300 प्रतिनिधिमंडल के साथ बिहार के राजगीर होते हुए नालन्दा पहुंची. राजगीर गृद्धकूट पर्वत पर भगवान बुद्ध की पूजा-अर्चना की. इसके बाद प्राचीन नालन्दा विश्वविद्यालय के भग्नावशेष नालन्दा खंडहर पहुंची. जहां उन्होंने पूरे भग्नावशेष का अवलोकन किया और भगवान बुद्ध की पूजा की.
दूसरी बार नालंदा आयी महारानी
बता दें कि महरानी दूसरी बार नालंदा पहुंची थी. महारानी के साथ उनकी बेटी सोनम देचन वांगचुक भी आई थीं. वहीं, जब पहली बार महारानी नालंदा आयी थी तो उनका दावा था कि उनका 6 वर्षीय नाती ट्रूएक वांगचुक का पुर्नजन्म हुआ है. महारानी बताती है कि महज 6 साल के बच्चे ने 1 घंटे तक अपने अतीत को बताकर हम लोगों को आश्चर्यचकित कर दिया. महारानी नालन्दा खंडहर पहुंचकर अपने आपको अत्यंत सौभाग्यशाली बताते हुए अपने जीवन का सबसे महत्वपूर्ण दिन बताया.