रायपुर: राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की 150वीं जयंती पर छत्तीसगढ़ विधानसभा के विशेष सत्र के दूसरे दिन मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के एक बयान पर सदन में जमकर हंगामा हुआ. प्रदेश के सीएम भूपेश बघेल ने कहा कि, 'इतिहास में ये साक्ष्य भी मौजूद हैं, जिसमें गोडसे को सावरकर का शिष्य बताया गया है.' मुख्यमंत्री ने कहा, 'सावरकर गांधी जी की हत्या की साजिश का हिस्सा थे, इससे कोई इनकार नहीं कर सकता है.'
मुख्यमंत्री ने सावरकर को लेकर एक टिप्पणी की, जिसके बाद विपक्षी विधायक भड़क गए और सदन में ही हंगामा करने लगे.
छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल का बयान बीजेपी विधायकों ने मुख्यमंत्री के बयान को सदन की कार्यवाही से विलोपित करने की मांग और मुख्यमंत्री से इस बयान के लिए मांफी मांगने को कहा. जिसके बाद भूपेश बघेल ने शब्द वापस लेने से इंकार कर दिया. इसपर पूर्व मुख्यमंत्री, नेता प्रतिपक्ष के साथ विपक्ष के सभी विधायकों ने सदन से वॉकआउट कर गए और सावरकर के समर्थन में नारे लगाते हुए गांधी प्रतिमा के सामने धरने पर बैठ गए.
दरअसल, विशेष सत्र के दूसरे दिन मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने महात्मा गांधी पर चर्चा करते हुए कहा था कि आज का गंभीर राष्ट्रवाद और उत्तेजित राष्ट्रवाद में बदल गया है. उन्होंने कहा कि आज की राष्ट्रवाद की जड़ें जर्मनी और इटली से गढ़ी हुई है. मुख्यमंत्री ने हिटलर और मुसोलिनी का नाम लेते हुए कहा कि आज देश में उत्तेजक राष्ट्रवाद चल रहा है, जिसमें न उसके विचारधारा को न मानने वालों को खत्म कर दिया जाता है.
मुख्यमंत्री ने कहा सावरकर पर टिप्पणी करते हुए कहा कि इतिहास गवाह है कि सावरकर छिपकर मारने से कभी पीछे नहीं हटते थे. इस दौरान मुख्यमंत्री ने बीजेपी विधायकों की ओर इशारा करते हुए कहा कि सावरकर आपके लिए वीर हैं, लेकिन उनके लिए गांधी वीर हैं. मुख्यमंत्री ने सदन में कहा कि इतिहास में ये साक्ष्य भी मौजूद हैं, जिसमें गोडसे को सावरकर का शिष्य बताया गया है. मुख्यमंत्री ने कहा कि सावरकर गांधी जी की हत्या की साजिश का हिस्सा थे, इससे कोई इनकार नहीं कर सकता है.
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विपक्ष ने किया हंगामा
मुख्यमंत्री के इस बयान के बाद सदन में हंगामा मच गया. सदन में पूर्व मंत्री अजय चंद्राकर ने भूपेश बघेल के शब्दों को कार्यवाही से हटाने की मांग करते हुए मुख्यमंत्री से माफी मांगने की बात कही. जिसपर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने अपने शब्द वापस लेने से इंकार करते हुए कहा कि वे अपने बयान पर माफी नहीं मांगेंगे. इसके बाद नेता प्रतिपक्ष के साथ बीजेपी विधायकों ने सदन से वॉकआउट कर लिया और विधानसभा के बाहर गांधी प्रतिमा के सामने बैठ नारेबाजी करने लगे.