दिल्ली

delhi

ETV Bharat / bharat

भीम आर्मी प्रमुख चंद्रशेखर को तीस हजारी कोर्ट से मिली सशर्त जमानत

जामा मस्जिद इलाके में नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) के खिलाफ प्रदर्शन के दौरान भीड़ को उकसाने के आरोप में गत 20 दिसंबर को गिरप्तार किए गए भीम आर्मी प्रमुख चंद्रशेखर को तीस हजारी कोर्ट से बुधवार को सशर्त जमानत मिल गई. अदालत ने उन्हें आगामी 16 फरवरी तक दिल्ली में किसी तरह का प्रदर्शन न करने का आदेश दिया. इस केस में गिरफ्तार किए गए अन्य 15 लोगों को गत नौ जनवरी को ही जमानत मिल गई थी. पढ़ें पूरी खबर...

etvbharat
चंद्रशेखर को मिली जमानत

By

Published : Jan 15, 2020, 5:30 PM IST

Updated : Jan 16, 2020, 12:12 AM IST

नई दिल्ली : भीम आर्मी प्रमुख चंद्रशेखर को तीस हजारी कोर्ट ने बुधवार को सशर्त जमानत दे दी. चंद्रशेखर को गत 20 दिसंबर को जामा मस्जिद इलाके में नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) के खिलाफ प्रदर्शन के दौरान भीड़ को उकसाने और बिना अनुमति मार्च निकालने के आरोप में गिरप्तार किया गया था.

तीस हजारी कोर्ट की अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश कामिनी लाउ ने चंद्रशेखर को कुछ शर्तों के साथ जमानत दी. जिसमें आगामी 16 फरवरी तक दिल्ली में किसी तरह का प्रदर्शन न करने का आदेश भी शामिल है. इस प्रकरण में गिरफ्तार किए गए अन्य 15 लोगों को गत नौ जनवरी को ही जमानत मिल गई थी.

चंद्रशेखर आजाद पर 20 दिसंबर को जामा मस्जिद में सीएए विरोधी प्रदर्शन के दौरान लोगों को भड़काने का आरोप है. अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश कामिनी लाउ ने आजाद को कुछ शर्तों के साथ राहत दी.

आजाद को जमानत देते हुए अदालत ने कहा कि वह चार हफ्तों तक दिल्ली नहीं आ सकेंगे और चुनावों तक कोई धरना आयोजित नहीं करेंगे.

न्यायाधीश ने आजाद को 25 हजार रुपये का जमानत बांड पेश करने पर जमानत दी.

अदालत ने यह भी कहा कि सहारनपुर जाने से पहले आजाद जामा मस्जिद समेत दिल्ली में कही भी जाना चाहते हैं तो पुलिस उन्हें एस्कॉर्ट करेगी. न्यायाधीश ने कहा कि विशेष परिस्थितियों में विशेष शर्तों की जरूरत होती है.

फैसला सुनाए जाने के दौरान आजाद की तरफ से पेश हुए वकील ने कहा कि भीम आर्मी के प्रमुख को उत्तर प्रदेश में खतरा है.

प्रदर्शन की अनुमति नहीं दी गई थी
सुनवाई के दौरान दिल्ली पुलिस ने कोर्ट को चंद्रशेखर आजाद के खिलाफ दर्ज सभी एफआईआर की जानकारी दी. दिल्ली पुलिस ने कहा कि आरोपी के पूर्व इतिहास को ध्यान में रखते हुए जमानत देने पर फैसला होना चाहिए. दिल्ली पुलिस ने कहा कि चंद्रशेखर ने ई-मेल के जरिए प्रदर्शन करने की अनुमति मांगी थी.

लेकिन अनुमति नहीं दी गई थी, तब कोर्ट ने कहा कि ये तो तय था कि अनुमति नहीं मिलेगी, क्योंकि आप किसी भी किस्म का बोझ अपने कंधे पर नहीं लेना चाहते थे.

'अनुमति नहीं दी तो शर्तें कैसी'
सुनवाई के दौरान जब दिल्ली पुलिस के वकील ने प्रदर्शन के दौरान के शर्तों को पढ़ना शुरू किया तो कोर्ट ने कहा कि जब आपने अनुमति ही नहीं दी, तो शर्ते कहां लागू होती हैं. आप कुछ मामले में लोगों को उठा लेते हैं और कुछ मामले में कुछ नहीं करते, यह पूरे तरीके से भेदभाव पूर्ण है.

चंद्रशेखर के ट्वीट पढ़कर बताया
सुनवाई के दौरान कोर्ट ने शेखर के वकील महमूद प्राचा से कहा कि आप चंद्रशेखर आजाद के ट्वीट के बारे में हमें बताइए. तब महमूद प्राचा ने, चंद्रशेखर के उस ट्वीट के बारे में बताया, जिसमें कहा गया था कि "Ambedkar said don't think I've died after I'm dead, I'll be alive till the Constitution is alive"

प्राचा ने कहा कि इस ट्वीट से संविधान के प्रति लोगों का विश्वास बढ़ सकता है. प्राचा ने चंद्रशेखर के दूसरे ट्वीट को पढ़ा जिसमें लिखा था कि ' जब मोदी डरता है, तब पुलिस को आगे करता है. इस पर कोर्ट ने कहा कि ये ट्वीट समस्या पैदा करने वाला है. हमारी संस्थाओं का आदर होना चाहिए. तब महमूद प्राचा ने कहा कि इस ट्वीट का इशारा धारा 144 लगाने की ओर था. तब कोर्ट ने कहा कि कई बार धारा 144 लगाने की जरूरत पड़ती है. अपने अधिकारों की बात करते हैं, तो हमें अपने कर्तव्यों की बात भी याद रखनी चाहिए.

एफआईआर की सूचना मांगी थी
पिछले 14 जनवरी को कोर्ट ने दिल्ली पुलिस को निर्देश दिया था कि वो चंद्रशेखर आजाद के खिलाफ दायर सभी एफआईआर की सूचना उपलब्ध कराए. साथ ही कोर्ट ने कहा था कि विरोध करना हर नागरिक का संवैधानिक अधिकार है. कोर्ट ने दिल्ली पुलिस को फटकार लगाते हुए पूछा था कि हिंसा के सबूत कहां हैं, धरना देने में क्या ग़लत है, क्या आपने संविधान पढ़ा है.

'क्या जामा मस्जिद पाकिस्तान में है'
कोर्ट ने कहा था कि आप ऐसे बात कर रहे हैं, जैसे जामा मस्जिद पाकिस्तान में हो, आप कानून का वो प्रावधान दिखाइए, जिसमें धार्मिक स्थल के बाहर विरोध प्रदर्शन की अनुमति नहीं है.

बात दें कि चंद्रशेखर को नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ प्रदर्शन के दौरान गिरफ्तार किया गया था. चंद्रशेखर ने अपनी जमानत याचिका में कहा है कि उनके खिलाफ एफआईआर में कोई साक्ष्य नहीं मिला है.

20 दिसंबर को गिरफ्तार किया गया था
चंद्रशेखर 18 जनवरी तक दरियागंज हिंसा मामले में न्यायिक हिरासत में हैं. चंद्रशेखर को पिछले 20 दिसंबर को गिरफ्तार किया गया था, उसके बाद से वे न्यायिक हिरासत में हैं.

Last Updated : Jan 16, 2020, 12:12 AM IST

ABOUT THE AUTHOR

...view details