नई दिल्ली : मोदी सरकार द्वारा सार्वजनिक क्षेत्र की कई इकाइयों में निजीकरण के निर्णय के विरोध में अब राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) की मजदूर इकाई भारतीय मजदूर संघ (बीएमएस) ने भी मुहिम चलाने की घोषणा की है. निजीकरण के अलावा मजदूरों के मुद्दे, बढ़ती बेरोजगारी और श्रम कानूनों के निलंबन के विरोध में भारतीय मजदूर संघ 'सरकार जगाओ सप्ताह' का आयोजन करेगा. इसमें मजदूर संघ 24 से 30 जुलाई के बीच अलग-अलग सेक्टरों के लिए कार्यक्रम आयोजित करेगा.
भारतीय मजदूर संघ की ओर से बुधवार को आयोजित वर्चुअल प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान यह जानकारी दी गई. इससे पहले मंगलवार को भारतीय मजदूर संघ के पदाधिकारियों की वर्चुअल मीटिंग हुई थी, जिसमें अध्यक्ष सीके सजिनारायणन और महामंत्री विरजेश उपाध्याय मौजूद थे. बैठक में कोयला क्षेत्र के कर्मचारी और फेडरेशन द्वारा तीन दिवसीय हड़ताल पर चर्चा हुई और इसे सफल बताया गया. बतौर बीएमएस इस हड़ताल के कारण क्षेत्र की 95 प्रतिशत गतिविधियां प्रभावित हुईं.
सरकार जगाओ सप्ताह के पांच प्रमुख मुद्दे
सजिनारायणन ने मीडिया को बताया कि 'सरकार बचाओ सप्ताह' मुख्यतः पांच मुद्दों पर सरकार का ध्यान आकर्षित करने के लिए आयोजित किया जाएगा. ये पांच प्रमुख मुद्दे प्रवासी मजदूरों की समस्याएं, लंबित मजदूरी और पारिश्रमिक, बढ़ती बेरोजगारी और रोजगार का छिनना, श्रम कानून का निलंबन, कई राज्यों में काम के घंटे का बढ़ाया जाना और आक्रामक निजीकरण के लिए लगातार सामाजिक उपक्रमों की बिक्री के साथ रक्षा और रेलवे का निगमीकरण हैं.