देहरादून : उत्तराखंड के जंगलों में बाघों की हुकूमत चलती है. अगर इन बाघों की हिफाजत कुत्ते करें, तो आप क्या कहेंगे? आपको यह बात सुनने में भले ही थोड़ी अटपटी लगे, लेकिन, यह बात सोलह आने सच है. उत्तराखंड के घने जंगलों में एक ऐसी भी जगह है, जहां पर जंगलों में रह रहे खूंखार बाघों की सुरक्षा, कर्मचारियों के साथ-साथ कुत्ते भी कर रहे हैं. यह कुत्ते इतने खतरनाक है कि अगर कोई भी शिकारी, बाघों का शिकार करने की सोचता भी है तो उससे पहले यह उस पर हमला कर देते हैं. आखिरकार क्या है इन कुत्तों की खासियत और उनके रहते बाघों की सुरक्षा कवच की कहानी?
देश के तमाम जंगलों से अमूमन जंगली जानवरों के शिकार के मामले सामने आते रहते हैं. जिसे देखते हुए जिम कार्बेट टाइगर रिजर्व में जंगली जानवरों के शिकार और तस्करी को रोकने के लिए कार्बेट प्रशासन ने नया तरीका अपनाया है. इसके तहत कॉर्बेट प्रशासन ने बेल्जियन शेफर्ड नस्ल के कुत्तों को कॉर्बेट की सुरक्षा के लिए मैदान में उतारा है. इसके साथ ही इस दल में जर्मन शेफर्ड कुत्ते भी शामिल किए गए हैं. इन कुत्तों को फील्ड में उतारने से पहले विशेष रूप से ट्रेनिंग दी गई है.
यह कुत्ते, न सिर्फ जंगली जानवरों के शिकार को रोकने के लिए तैयार किए गए हैं. बल्कि, जंगल के भीतर जंगली जानवरों को तलाशने, घायल जानवरों को ढूढने के साथ ही जंगल की संवेदनशील सीमाओं को सुरक्षित करने के लिए भी तैयार किया गया हैं. यहीं नहीं, केटीआर (कालागढ़ टाइगर रिजर्व) तथा सीटीआर (कॉर्बेट टाइगर रिजर्व) में इस नस्ल के चार कुत्ते तैनात किए गए हैं, जिसमें से एक कालागढ़ टाइगर रिजर्व में है. जबकि, तीन को लालढांगकेनाल में तैनात किया गया है.