नई दिल्ली : केंद्र सरकार द्वारा गठित एक न्यायाधिकरण ने लिबरेशन टाइगर्स ऑफ तमिल ईलम (एलटीटीई) पर जारी प्रतिबंध को और पांच वर्षों के लिए बढ़ाने की पुष्टि कर दी है. दिल्ली उच्च न्यायालय के सूत्रों के मुताबिक न्यायमूर्ति संगीता ढींगरा सिंघल की अध्यक्षता वाले न्यायाधिकरण ने सात नवम्बर को लिट्टे पर प्रतिबंध की पुष्टि की.
न्यायाधिकरण द्वारा इस पुष्टि का आदेश सीलबंद लिफाफे में अधिसूचना जारी करने के लिए केंद्र के पास भेज दिया गया. न्यायाधिकरण ने एमडीएमके नेता और राज्यसभा सांसद वाइको समेत सभी पक्षकारों का पक्ष सुनने के बाद यह फैसला लिया. वाइको लिट्टे के प्रति सहानुभूति रखने वाले हैं.
गैर कानूनी गतिविधि निरोधक अधिनियम (यूएपीए) के तहत गठित न्यायाधिकरण ने 27 मई को अपने गठन के बाद दिल्ली और चेन्नई में सुनवाई की. पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की 1991 में हत्या के बाद भारत सरकार ने लिट्टे पर प्रतिबंध लगा दिया था. इसके बाद से हर पांच साल बाद इस संगठन पर प्रतिबंध को बढ़ा दिया जाता है.