पटना :बिहार विधानसभा चुनाव का बिगुल बज चुका है. चुनाव में बाहुबलियों का वर्चस्व दिख रहा है, लेकिन इस बार वे सीधे चुनाव में नहीं उतर रहे हैं, बल्कि उन्होंने तैयार किया है बाहुबलि फैमिली प्लान, जिसमें वे अपनी पत्नियों को टिकट दिलवाने में सफल हुए हैं.
बिहार चुनाव 2020 में भी बाहुबलियों का दमखम दिख रहे हैं. इन्होंने अपनी राजनीतिक वजूद बचाने के लिए अपनी पत्नियों को चुनावी मैदान में उतार दिया है. इन्हीं में से एक हैं अरुण यादव. फिलहाल अरुण फरार चल रहे हैं और पुलिस इनके पीछे है, लेकिन इनकी पत्नी को आरजेडी ने आरा जिले के संदेश विधानसभा क्षेत्र से उम्मीदवार बनाया है.
आरजेडी से लवली आनंद
बाहुबली आनंद मोहन की पत्नी लवली आनंद को भी आरजेडी ने अपनी सदस्यता दी है. फिलहाल तो इन्हें टिकट नहीं मिली है, लेकिन माना जा रहा है कि सहरसा जिले के किसी सीट से उम्मीदवार बनाया जा सकता है. बाहुबली आनंद मोहन सहरसा जेल में पूर्व जिलाधिकारी जी कृष्णैया हत्याकांड के मामले में उम्रकैद की सजा काट रहे हैं.
चुनावी मैदान में राजबल्लभ यादव की पत्नी विभा यादव
कुछ यही हाल बाहुबली राजबल्लभ यादव का भी है. फिलहाल तो ये जेल में बंद हैं, लेकिन अब भी नवादा में तूती बोलती है. यहां से चुनावी मैदान में ताल ठोक रही हैं इनकी पत्नी विभा यादव. 2019 में विभा देवी ने आरजेडी से ही लोक सभा का चुनाव लड़ा था, लेकिन उन्हें हार का सामना करना पड़ा था.
मोकामा में 'छोटे सरकार'
वहीं, मोकामा से इस बार आरजेडी ने छोटे सरकार यानी अनंत सिंह को अपना उम्मीदवार बनाया है. पिछले चुनावों में इनके आपराधिक इतिहास को आरजेडी ने ही मुद्दा बनाया था, लेकिन इस बार आरजेडी ने ऐसी पलटी मारी कि इस विधानसभा चुनाव में उन्हें ही टिकट थमा दिया. 2015 मे बतौर निर्दलीय उम्मीदवार उन्होंने महागठबंधन के प्रत्याशी नीरज कुमार को शिकस्त दी थी. फिलहाल अनंत सिंह UAPA के तहत जेल में हैं.
बेलागंज से सुरेंद्र यादव
केवल अनंत सिंह की नहीं आरजेडी ने बाहुबली विधायक सुरेंद्र यादव को भी बेलागंज से टिकट दिया है. सुरेंद्र 1990 से लगातार विधायक हैं, जबकि जहानाबाद से सुदय यादव का नाम भी दबंगों में शुमार रहा है.