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यूपी पुलिस का एक्शन, बागपत में प्रदर्शनकारी किसानों को हटाया - दिल्ली सहारनपुर हाइवे 709

उत्तर प्रदेश के बागपत जिले में कृषि कानून के विरोध में धरने पर बैठे किसानों को देर रात पुलिस ने धरनास्थल से हटा दिया. प्रशासन का दावा है कि बिना किसी बल प्रयोग के पूरे काम को अंजाम दिया गया. वहीं धरने पर बैठे किसानों ने मोबाइल फोन से वीडियो शूट कर प्रशासन की कार्रवाई का वीडियो वायरल कर दिया है.

प्रशासन ने हटाया कृषि कानूनों के विरोध में चल रहा धरना-प्रदर्शन
प्रशासन ने हटाया कृषि कानूनों के विरोध में चल रहा धरना-प्रदर्शन

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Published : Jan 28, 2021, 9:59 AM IST

बागपत :उत्तर प्रदेश के बागपत जनपद में चल रहे कृषि कानून के विरोध में धरने पर बैठे किसानों को पुलिस ने देर रात धरने से हटा दिया. मामला बड़ौत कोतवाली क्षेत्र के दिल्ली-सहारनपुर हाइवे 709 का है. यहां लंबे समय से कृषि कानून के विरोध में चल रहे धरने को हटा दिया गया है. बुधवार की सुबह से ही आला अधिकारी और किसानों के बीच वार्ता चल रही थी और किसानों ने धरना न उठाने का निर्णय लिया था. लेकिन, देर रात धरनास्थल पर भारी पुलिस फोर्स के साथ पहुंचे आलाधिकारियों ने बल प्रयोग के साथ धरना हाइवे से हटवा दिया. जेसीबी के माध्यम से हाइवे पर लगाए गए सीमेंट के बैरिकेड को भी वहां से हटवा दिया गया है. धरना हटवाए जाने के बाद हाइवे की बन्द लाइन से यातयात सुचारू रूप से चल रहा है.

बागपत प्रशासन ने प्रदर्शनकारी किसानों को हटाया

वीडियो कर दिया वायरल
वहीं धरने पर बैठे किसानों ने मोबाइल फोन से वीडियो शूट कर इसे वायरल कर दिया. वायरल वीडियो में पुलिसकर्मी डंडे के सहारे धरने पर बैठे लोगों को उठाते और उनके पीछे भागते हुए नजर आ रहे है. इस बारे में एडीएम बागपत अमित कुमार ने किसी प्रकार का बल प्रयोग या किसी किसान के घायल होने से इनकार किया है.

बागपत से किसानों को प्रदर्शनस्थल से हटाया गया

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एडीएम ने दी जानकारी
एडीएम अमित कुमार ने इस बारे में बताया कि NHAI ने पत्र लिखा था, क्योंकि NHAI के कार्य मे बाधा पहुंच रही थी. उन्होंने पत्र भेजकर आग्रह किया था कि हमारे कार्य को पूरा कराया जाए, क्योंकि इनका कार्य पूर्ण होने की स्थिति में है. उसी को पूरा कराने के लिए आए थे. एडीएम अमित कुमार ने कहा कि यह पूरा काम बहुत शांतिपूर्ण तरीके से हो गया. प्रदर्शनकारी किसान चले गए. उन्होंने कहा कि जब वह मौके पर आए थे तब 4 से 5 बुजुर्ग लोग थे, जिनको उनके घर पहुंचा दिया गया. इस दौरान किसी भी तरह का बल प्रयोग नहीं किया गया है और ना ही किसी को अस्पताल ले जाया गया है. सभी को उनके घर भेजा गया है.

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