जयपुर : कोरोना वायरस महामारी से बचाव के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 25 मार्च से लॉकडाउन की घोषणा की थी, लेकिन अचानक लगाए गए इस लॉकडाउन ने पूरे देश को उलट-पलट कर रख दिया. सबसे ज्यादा अगर किसी पर इसका असर हो रहा है, तो वह हैं देश के किसान और दिहाड़ी मजदूर. इन मजदूरों को अब खाने तक के लाले पड़ गए हैं. ऐसे ही कुछ मजदूरों की स्थिति जानने ईटीवी भारत की टीम शहर से सटे श्री किशनपुरा गांव पहुंची, जहां लावणी करते हुए किसान यानी फसल काट रहे खेतिहर मजदूरों से हमने बातचीत की.
घर का खर्च चलाना हुआ मुश्किल
दिहाड़ी मजदूरों के मुताबिक बाहर काम मिलना बंद क्या हुआ. उन्हें औने-पौने दाम पर खेतों में आकर काम करना पड़ रहा है. इन मजदूरों के मुताबिक उन्हें रोजाना 500 रुपए मिल जाया करते थे लेकिन अब खेतों में महज 250 से 300 रुपए ही मिल पाता है. ऐसे में हर दिन घर का खर्च चलाना भी मुश्किल हो गया है. यहां पर सरकार की ओर से खाने की व्यवस्था कराने के सारे वादे झूठे साबित हो रहे हैं.
नहीं मिल रही कोई सरकारी सुविधा
दिहाड़ी मजदूरों के मुताबिक शहर में न जाने कितनी स्कीमों की बात सरकार करती है लेकिन हम तक ऐसी कोई भी सुविधा नहीं पहुंच रही है. न तो यहां अभी तक कोई उनके हालात जानने पहुंचा है और न ही उन तक कोई राशन पहुंचाने वाला आया.