हरिद्वार : योग गुरु स्वामी रामदेव ने कोरोना वायरस की दवा 'कोरोनिल' को मंगलवार को दिन में बाजार में उतारा और दावा किया कि आयुर्वेद पद्धति से जड़ी-बूटियों के गहन अध्ययन व अनुसंधान के बाद बनी यह दवा मरीजों को शत प्रतिशत फायदा पहुंचा रही है. लेकिन शाम होते-होते आयुष मंत्रालय ने योग गुरु के इस दावे को खारिज कर दिया. मंत्रालय ने उनकी कंपनी पतंजलि आयुर्वेद लिमिटेड से इस तरह का प्रचार तुरंत बंद करने को कहा है. वहीं पतंजलि की ओर से बयान जारी कर कहा गया है कि कोरोना की दवा को लेकर आयुष मंत्रालय के साथ जो कम्युनिकेशन गैप था, वह दूर हो गया है.
पतंजलि की ओर से बयान जारी कर कहा गया है कि कोरोना की दवा को लेकर आयुष मंत्रालय के साथ जो कम्युनिकेशन गैप था, वह दूर हो गया है. मंत्रालय को बताया गया है कि पतंजलि ने रेंडमाइज्ड प्लेस्कबो कंट्रोल्ड क्लीनिकल ट्रायल के जितने भी स्टेंडर्ड पैरामीटर्स हैं, उन सभी को 100 फीसदी पूरा किया है. पतंजलि द्वारा जारी बयान में ये भी कहा गया है कि इसकी पूरी जानकारी दस्तावेजों सहित आयुष मंत्रालय को भेज दी है.
आपको बता दें कि आज दोपहर 12 बजे योग गुरु बाबा रामदेव ने कोरोना की आयुर्वेदिक दवा खोजने का दावा किया और इस दवा को लॉन्च किया. साथ ही दावा किया कि इसमें पतंजलि रिसर्च इंस्टीट्यूट ने इस दवा का 280 लोगों पर ट्रायल किया, जो 100 फीसदी सफल रहा. इस पर आयुष मंत्रालय की प्रतिक्रिया सामने आई थी. मंत्रालय ने मामले से पल्ला झाड़ा और पतंजलि को कोरोनिल और स्वसारी दवा से जुड़े विज्ञापनों को रोकने के आदेश जारी किए थे.
मंत्रालय को बताया गया है कि पतंजलि ने रेंडमाइज्ड प्लेस्कबो कंट्रोल्ड क्लीनिकल ट्रायल के जितने भी स्टेंडर्ड पैरामीटर्स हैं, उन सभी को 100 फीसदी पूरा किया है. पतंजलि द्वारा जारी बयान में ये भी कहा गया है कि इसकी पूरी जानकारी दस्तावेजों सहित आयुष मंत्रालय को भेज दी है.
योग गुरु बाबा रामदेव ने दिन में दावा किया था कि पतंजलि आयुर्वेद लिमिटेड द्वारा विकसित आयुर्वेदिक दवाओं से सात दिनों में कोरोना रोगियों को ठीक किया जा सकता है. इसके कुछ घंटों बाद ही आयुष मंत्रालय ने रामदेव को एक नोटिस भेज दिया. नोटिस में मंत्रालय ने कहा है कि जब तक इस मुद्दे की विधिवत जांच नहीं हो जाती, तब तक विज्ञापन जारी करने और इस तरह के दावों को सार्वजनिक रूप प्रचार नहीं किया जा सकता है.