विशाखापट्नम : ट्रेन के 24 डब्बों की बाहरी सफाई के लिए आमतौर पर तीन से चार घंटे लगते हैं. उस समय को बचाने के लिए वाल्टेयर डिवीजन ने विशाखापट्नम के कोचिंग डिपो में एक ऑटोमेटिक कोच वॉशिंग प्लांट की स्थापना की है. यह अत्याधुनिक सुविधा ईस्ट कोस्ट रेलवे की सीमाओं में स्थापित होने वाली पहली सुविधा है. यह कोरोना महामारी के संक्रमण की रोकथाम को लेकर निर्मित किया गया है. यह पानी की खपत और जनशक्ति आवश्यकताओं को कम करने में भी मदद करता है.
इस ऑटोमेटिक कोच वॉशिंग प्लांट की स्थापना में दो करोड़ रुपये खर्च किए गए हैं. इस मशीन में केवल 10 मिनट में ट्रेन के सभी डब्बों की सफाई हो जाती है. जैसे ही ट्रेन के डब्बे इस मशीन में पहुंचते हैं इसमें मौजूद मोट, ब्रश और स्प्रिंकलर अपने आप काम शुरू कर देते हैं. दोनों तरफ से कई स्प्रिंकलर रेल की छत को साफ करने लगते हैं. इसके लिए सोडियम हाइपो क्लोराइड का इस्तेमाल किया जाता है जो तेजी से गंदगी को साफ करता है.
ट्रेन के यह डब्बे धुलाई के बाद प्लांट में लगे ब्लोअर के पास भेजे जाते हैं, जहां उन्हें तेज हवा से सुखाया जाता है. इस ऑटोमेटिक कोच वॉशिंग प्लांट को कोरोना महामारी के कारण लॉन्च किया गया है.
त्योहार के कारण कई सारी स्पेशल ट्रेनों की शुरुआत की गई है, जिसके बाद हर दिन इस प्लांट में लगभग 10 ट्रेनों की सफाई की जाती है. आने वाले दिनों में यह प्लांट कई जगहों पर स्थापित किया जाएगा.