नई दिल्ली :बेंगलुरू स्थित वैज्ञानिकों की संस्था इंडियन एकेडमी ऑफ साइंसेज (आईएएससी) ने कहा है कि भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद् (आईसीएमआर) द्वारा 15 अगस्त को कोरोना वायरस का टीका जारी करने का लक्ष्य 'अव्यावहारिक' और 'हकीकत से परे' है.
आईएएससी ने कहा कि नि:संदेह इसकी तुरंत जरूरत है, लेकिन मानवीय जरूरत के लिए टीका विकसित करने के लिए चरणबद्ध तरीके से वैज्ञानिक पद्धति से क्लिनिकल परीक्षण की आवश्यकता होती है.
आईएएससी ने बयान जारी कर कहा कि प्रशासनिक मंजूरियों में तेजी लाई जा सकती है लेकिन 'प्रयोग की वैज्ञानिक प्रक्रियाओं और डेटा संग्रहण की नैसर्गिक समय अवधि होती है जिस पर वैज्ञानिक मानकों से समझौता नहीं किया जा सकता.'
आईएएससी ने बयान में आईसीएमआर के पत्र का जिक्र किया जिसमें कहा गया है कि 'टीका के सभी क्लीनिकल परक्षण पूरा होने के बाद इसे अधिकतमत 15 अगस्त 2020 तक आम आदमी के स्वास्थ्य के लिए जारी करने पर विचार किया जा सकता है.'
कोरोना वायरस के खिलाफ टीका को आईसीएमआर और निजी दवा कंपनी भारत बायोटिक इंडिया लिमिटेड मिलकर विकसित कर रहे हैं.
बयान में कहा गया है कि आईएएससी संभावित टीके के तेजी से विकास और लोगों के इस्तेमाल के लिए उपलब्ध कराए जाने का स्वागत करता है.